दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

Edited By Team Careers360 | Updated on Nov 11, 2024 02:39 PM IST | #CBSE Class 10th
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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली... ये शब्द सामने आते ही रोशनी से जगमग घर, शहर की तस्वीर दिमाग में आ जाती है। दिवाली हर भारतीय के लिए अपनों से जुड़े होने और अच्छाई करने की प्रेरणा देने वाला महापर्व है। दिवाली हमारे देश भारत के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है जो हमारे देश की संस्कृति, सामाजिकता और सौहार्द्र को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव मनाया जाता है जिसका समापन भाई दूज के बाद होता है। देश ही नहीं विश्वभर में मौजूद भारतीय मूल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं।
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This Story also Contains
  1. दिवाली 2024 कब है : तारीख और समय
  2. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)
  3. दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) - दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त (Deepawli puja shubh muhurt)
  4. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)
  5. दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)
  6. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली पर निबंध 10 लाइन (essay on diwali 10 lines)
  7. धनतेरस कब है 2024 में?
  8. दीपावली कब है 2024 शुभ मुहूर्त?
  9. दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में कैसे लिखा जाता है?
  10. 250 शब्दों में दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध?
  11. हम दीपावली क्यों मनाते हैं? 300 शब्दों का निबंध कैसे लिखते हैं?
  12. दिवाली 2024 कब है? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? (When is Diwali 2024? October 31st or November 1st?)
  13. दिवाली 2024 की छुट्‌टी (Diwali 2024 Holiday)
  14. दिवाली पर घरौंदे, कंदील और रंगोली प्रतियोगिता में बच्चे दिखाते हैं रचनात्मकता
  15. दिवाली पर निबंध : दिवाली, बाजार और ऑफर
  16. दिवाली पर निबंध : दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध
  17. दिवाली पर निबंध : प्रतिबंध वाली जगहों पर ग्रीन पटाखों की अनुमति
  18. दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) : दिवाली शुभकामना संदेश (Happy Diwali wishes in Hindi)
  19. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - उपसंहार (Conclusion)
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम द्वारा 14 वर्ष वनवास से अध्योध्या आगमन की है। इस वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा माता सीता को हर कर ले जाने वाले अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी भी शामिल है। दिवाली का त्योहार यह संदेश भी देता है कि बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो, उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन यानी कार्तिक अमावस्या को दीपावली का उत्सव मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। साथ ही उन्हे Diwali 2024 kab hai के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगी। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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दिवाली 2024 कब है : तारीख और समय

दिवाली हिंदू चंद्र-सौर महीनों अश्विन और कार्तिक में मनाई जाती है, जो आम तौर पर मध्य अक्टूबर और मध्य नवंबर के बीच आती है। प्राचीन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है।

वर्ष 2024 में शुक्रवार, 1 नवंबर, 2024 रोशनी का त्योहार मनाया जाएगा। द्रिकपंचांग के अनुसार सबसे शुभ समय शाम 5:36 बजे और 6:16 इनके बीच है।

दिन

त्योहार

तारीख

पहला दिन

धनतेरस

29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार)

दूसरा दिन

काली चौदस (रूप चौदस )

30 अक्टूबर 2024 (बुधवार)

तीसरा दिन

नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)

31 अक्टूबर, 2024 (गुरुवार)

चौथा दिन

दिवाली (लक्ष्मी पूजन)

1 नवंबर, 2024 (शुक्रवार)

पांचवां दिन

गोवर्धन पूजा, अन्नकूट

2 नवंबर, 2024 (शनिवार)

छठा दिन

भाई दूज, यम द्वितीया

3 नवंबर, 2024 (रविवार)

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। अपने घर-परिवार से दूर अन्य प्रदेश, विदेश में रहकर रोजगार करने लोग भी इस समय अपने घर-परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लंबी यात्रा कर अपनों के बीच आते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ दिवाली शुभकामनाएं (Happy Diwali wishes in Hindi) और उपहार साझा करते हैं।

दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2024 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2024?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2024 में दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को मनाई गई। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। वर्ष 2025 में दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चों को कक्षा मे दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) लिखने को कहा जाता है। दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) - दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त (Deepawli puja shubh muhurt)

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। इस समय अधिकतर लोग ये जानना चाहते हैं कि Diwali 2024 kab hai। वर्ष 2024 में दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया गया। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। वहीं साल 2022 में, 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार देश भर में मनाया गया था।

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यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध (diwali par nibandh in hindi) दिया गया है, जिसकी मदद दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) लिखते समय ली जा सकती है:

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

दिवाली का इतिहास: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)

  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

ये भी देखें :

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली पर निबंध 10 लाइन (essay on diwali 10 lines)

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

धनतेरस कब है 2024 में?

वैदिक पंचांग के अनुसार, Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time) कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल इस दिन संध्याकाल 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक है।

दीपावली कब है 2024 शुभ मुहूर्त?

Diwali 2024 Date : कब है दिवाली? पूजा करने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम में 6:27 मिनट से लेकर रात में 8:32 मिनट तक है। दीपावली पूजा का निशिता मुहूर्त रात में 11:39 मिनट से देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है।

दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) : वर्ष 2024 में, 29 अक्टूबर, 2024 को धनतेरस और 31 अक्टूबर, 2024 को छोटी दिवाली के बीच एक दिन का अंतराल होगा। यह क्रम हिंदू चंद्र कैलेंडर के आधार पर होगा।

  • प्रदोष काल : शाम 05:36 बजे से रात 08:11 बजे तक

  • वृषभ काल: सायं 06:20 बजे से रात्रि 08:15 बजे तक

  • अमावस्या तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:52 बजे

  • अमावस्या तिथि समाप्त 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे।

दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में कैसे लिखा जाता है?

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) 150 शब्द (कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए)

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में उपयुक्त हैं।

दिवाली पर निबंध हर साल परीक्षाओं में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण निबंधों में से एक है। दिवाली, रोशनी का त्योहार है। यह हिंदू धर्म का एक बहुत पुराना उत्सव है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका विजय के बाद माता सीता को लेकर अध्योध्या वापस लौटे। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास की समाप्ति और रावण पर विजय के साथ माता सीता को मुक्त कराकर अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीपक जलाए। खुशियां मनाईं। यह परंपरा आज भी जारी है। दुनियाभर में हिंदू धर्मावलंबी बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाते हैं।

इस त्योहार को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता है। घर, दुकान में दीपावली से पहले सफाई की जाती है। सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दीपक जलाते हैं। दुकानों-प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अंधकार को दूर कर प्रकाश का भी प्रतीक है।

250 शब्दों में दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध?

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) 250 शब्द (कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों के लिए)

250 शब्दों की शब्द सीमा वाले दिवाली निबंध कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिवाली उल्लास और उत्सव का समय है। यह वह दिन है जब राजा रामचंद्र ने असुर सम्राट रावण को हराया और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या वापसी पर अयोध्यावासियों ने अपने राजा राम का स्वागत दीप जलाकर किया। मान्यता है कि रामचंद्र की वापसी की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।

लोग रंग-बिरंगी रोशनी से घरों को सजाते हैं। दीप-मोमबत्ती जलाते हैं। पकवान बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा होती है। बच्चे और बड़े पटाखे-आतिशबाजी करते हैं।

आतिशबाजी दिवाली का एक लोकप्रिय हिस्सा बन गई है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि त्योहार की असली भावना अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ फैलाना है। दिवाली जैसे त्यौहार परिवारों और दोस्तों के बीच के आपके बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा समय है जब हर कोई अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस जाता है।

दिवाली के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसलिए हर कोई त्योहार का आनंद उठाता है। रात होते ही उत्साह बढ़ता है। हर तरफ रोशनी दिखती है। माहौल में उल्लास का अनुभव होता है। दिवाली हमें धैर्य और जीवन में अच्छी चीजों की प्रतीक्षा करने का मूल्य सिखाती है। बच्चे उत्सुकता से उन स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का इंतज़ार करते हैं। यह एक ऐसा समय भी है जब घरों और आसपास की जगहों की अच्छी तरह सफाई होती है। दिवाली इस बात की शिक्षा देती है कि "अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों पर विजय प्राप्त करते हैं।"

हम दीपावली क्यों मनाते हैं? 300 शब्दों का निबंध कैसे लिखते हैं?

दिवाली पर 300 शब्दों में निबंध (कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए)

300 शब्दों में दिवाली पर निबंध कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए उनकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह निबंध अक्सर हिंदी लेख में पूछा जाता है।

भारतीय संस्कृति में त्यौहार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे हमारे मूल्यों की एक विशेष याद दिलाते हैं। त्योहार हमारी एकता, उल्लास और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, इसे चरितार्थ करते हैं। दीपावली एक ऐसा ही एक त्यौहार है जिसे बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली एक हिंदू त्यौहार है जो लंका के राजा रावण के साथ एक बड़ी लड़ाई के बाद श्रीरामचंद्र की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह अंधकार पर प्रकाश का द्योतक है। त्यौहार में लोग मिलजुलकर खुशियां बांटते हैं।

दिवाली हमें सभी के प्रति दयालु होने और धैर्य रखने की याद दिलाती है। हमारी मान्यताओं का हमारे सोचने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें दिवाली जैसे त्यौहारों में अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए। हालांकि दिवाली की रात को लोग पटाखे और आतिशबाजी करते हैं। यह कई बार लोगों की असुविधा का भी कारण बनता है। आतिशबाज़ी हवा में हानिकारक गैसें छोड़ती हैं, जिससे प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पटाखे की तेज आवाज आस-पास रहने वाले जानवरों को भी डराते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, दूसरों को खतरे में डाले बिना, ज़िम्मेदारी से जश्न मनाना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान, हमारे घर ताज़े पके हुए खाने की स्वादिष्ट खुशबू से भर जाते हैं। हम त्योहार के दौरान बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि त्योहार हमें करीब लाने और हमारे बंधन को मजबूत करने के लिए होते हैं, न कि उत्सव के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए। तो, आइए दिवाली को खुशी, दया और सभी जीवित प्राणियों और हमारे आस-पास की दुनिया के लिए विचार के साथ मनाएं।

दिवाली 2024 कब है? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? (When is Diwali 2024? October 31st or November 1st?)

लोगों में इस वर्ष जिज्ञासा हो रही है कि दिवाली 2024 कब है? (Diwali 2024 kab hai) 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? तो हम आपको diwali kab hai 2024 सवाल का जवाब बता देते हैं। यदि आप भी सोच रहे हैं कि 2024 में दीपावली कब मनाई जाएगी तो जान लिजिए कि कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 1 नवंबर को दिवाली (diwali 2024) मनाना शास्त्रसम्मत है। 1 नवंबर को दिवाली मनाए जाने की वजह से इस बार दीप पर्व 5 की जगह 6 दिनों का हो जाएगा। 29 अक्टूबर को धनतेरस से पर्व की शुरुआत होगी और 3 नवंबर को भाईदूज के साथ इसका समापन होगा। ज्योतिषियों के अनुसार प्रदोषकाल में प्रदोष व्यापिनी तिथि अमावस्या होने पर दिवाली मनाई जाती है। हालांकि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन अमावस्या तिथि है। शास्त्र के अनुसार जब दोनों दिन सांयकाल में अमावस्या तिथि हो तो दूसरे दिन अमावस्या युक्त प्रतिपदा को लिया जाना चाहिए। इसलिए 1 नवंबर को दिवाली मनाना शास्त्रसम्मत है।

हालांकि कुछ पंडितों के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाया जाना चाहिए। उनके अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक अमावस्या 1 नवंबर को है। दिवाली की पूजा अमावस्या तिथि में प्रदोष व्यापिनी मुहूर्त में शास्त्रसम्मत है। प्रदोषकाल सूर्यास्त के बाद प्राप्त होता है। हालांकि कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि 1 नवंबर काे अमावस्या तिथि सूर्यास्त के बाद जल्द खत्म हो जाएगी। ऐसे में प्रदोषकाल कम समय प्राप्त होगा। अमावस्या को निशिता मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा का महत्व माना जाता है। 1 नवंबर को निशिता मुहूर्त प्राप्त नहीं होगा इसलिए कुछ लोग इस वजह से 31 अक्टूबर को दिवाली मनाए जाने को ठीक बता रहे हैं। (2024 mein diwali kab hai)

दिवाली 2024 की छुट्‌टी (Diwali 2024 Holiday)

दिवाली 2024 के अवसर पर हरियाणा और दिल्ली सरकार ने 31 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। हरियाणा सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दीपावली के अवसर पर 31 अक्टूबर को अवकाश रहेगा। वहीं दिल्ली सरकार ने भी दीपावली की छुट्‌टी 31 अक्टूबर को घोषित की है। शिक्षा निदेशालय हरियाणा द्वारा जारी नए आदेश के बाद छुट्‌टी की तिथि बदली है। दरअसल, पहले हरियाणा में दिवाली की छुट्टी 2024 गुरुवार, 31 अक्टूबर और शुक्रवार 1 नवंबर को होने वाली थी। लेकिन अब ये तारीखें बदलकर 30 और 31 अक्टूबर कर दी गई हैं।

दिवाली पर घरौंदे, कंदील और रंगोली प्रतियोगिता में बच्चे दिखाते हैं रचनात्मकता

दिवाली का त्योहार आने के 10-12 दिन पहले से ही बच्चों में इस त्योहार का उमंग दिखने लगता है। कोई अपने घरों में घरौंदा बनाने में जुट जाता है तो कोई कंदील तैयार करने में लग जाता है। स्कूलों में भी दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, कंदील प्रतियोगिता जैसे इवेंट का आयोजन होता है जिसमें बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमता दिखाते हैं। इस दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अलावा कई संस्थाओं द्वारा भी दिवाली पर कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हुए मिठाई और ग्रीन पटाखे बांटे जाते हैं।

दीपावली के दिन घर में मिट्टी का घरौंदा रखने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हालांकि बीते समय के साथ लोग इसको भूलने लगे हैं, लेकिन आज भी मान्यताओं को मानने वाले लोग मिट्टी, लकड़ी आदि से घरौंदा बनाकर घरों में रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन घर में घरौंदा बनाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कंदील सजाकर रखने से सकारात्मकता का भाव घर में बना रहता है।

दिवाली पर निबंध : दिवाली, बाजार और ऑफर

दीपावली के अवसर पर बाजार में चहल-पहल बढ़ जाती है। तरह-तरह की दुकानें सजती हैं। मिट्‌टी के दीये, पटाखे, सजावट के सामान, फूल, कृत्रिम फूल, रंगोली बनाने का सामान, विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी लाइट, कपड़े, मिठाईयां, बर्तन की दुकानें सड़क के किनारे सज जाती हैं। पूरा माहौल आनंद और उल्लास से भर जाता है। लोग घरों की सफाई करते हैं। उपयोग में आने वाली नई चीजें खरीदते हैं। इस अवसर का लाभ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी उठाती हैं। वे ग्राहकों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देते हैं और छूट देकर अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं। लोग उपहार में एक-दूसरे को मिठाईयां देते हैं। कंपनियाें में अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देने की परंपरा है। कंपनियां अपने कर्मियों को बर्तन, थर्मस, प्रेशर कूकर, आयरन, ट्रॉली बैग आदि के साथ मिठाईयां और नमकीन के पैकेट उपहार में देती हैं।

दिवाली पर निबंध : दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध

बच्चों को दीपावली का इंतजार सबसे अधिक इंतजार रहता है। क्योंकि उन्हें विभिन्न तरह के पटाखे चलाने को मिलता है। बच्चे अपने अभिभावकों से दिवाली से दो-चार दिन पहले ही अपने लिए फुलझड़ियां, अनार, पटाखे, बंदूक खरीदवा लेते हैं। और घर-बाहर धमा-चौकड़ी मचाते हुए पटाखे छोड़ते हैं। हालांकि पटाखे चलाते समय असावधानी रखने पर कभी-कभी दुर्घटना भी होती है। हाथ-पैर जल जाते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी को कोई नुकसान न हो। हालांकि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। और भारी आवाज और रोशनी वाले पटाखे नहीं चला सकते। क्योंकि ये पटाखे भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं तेज आवाज वाले पटाखे से जानवर खासकर कुत्ते सहम जाते हैं। इसलिए उनकी परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। बिहार में भी राजधानी पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में किसी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर पाई गई थी। हालांकि ग्रीन पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे तक किया जा सकता है।

दिवाली पर निबंध : प्रतिबंध वाली जगहों पर ग्रीन पटाखों की अनुमति

विभिन्न राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई गई है। ग्रीन पटाखों के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्रीन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाल पीएम पार्टिकल्स कम मात्रा में होते हैं।

दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) : दिवाली शुभकामना संदेश (Happy Diwali wishes in Hindi)

दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा ।
    शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।।
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - उपसंहार (Conclusion)

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

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Frequently Asked Questions (FAQs)

1. दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है?

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

2. दिवाली में क्या है खास?

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

3. दीपावली का अर्थ क्या है?

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

4. मेरा प्रिय त्योहार दिवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें?

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

5. दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

6. साल 2024 में दिवाली कब है? What is the real date of Diwali in 2024?

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी। 

7. दीपावली 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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If you're looking for directions or steps to reach Sadhu Ashram on Ramgart Road in Aligarh, here’s how you can get there:

Steps to Reach Sadhu Ashram, Ramgart Road, Aligarh:

  1. Starting Point:

    • Determine your starting point in Aligarh or the nearby area.
  2. Use Google Maps:

    • Open Google Maps on your phone or computer.
    • Enter "Sadhu Ashram, Ramgart Road, Aligarh" as your destination.
    • Follow the navigation instructions provided by Google Maps.
  3. By Local Transport:

    • Auto-rickshaw/Taxi: Hire an auto-rickshaw or taxi and inform the driver about your destination. Most local drivers should be familiar with Sadhu Ashram.
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  4. Landmarks to Look For:

    • As you approach Ramgart Road, look for local landmarks that might help you confirm you’re on the right path, such as known shops, temples, or schools nearby.
  5. Ask for Directions:

    • If you're unsure, ask locals for directions to Sadhu Ashram on Ramgart Road. It's a known location in the area.
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    • Once you reach Ramgart Road, Sadhu Ashram should be easy to spot. Look for any signage or ask nearby people to guide you to the exact location.

If you need detailed directions from a specific location or more information about Sadhu Ashram, feel free to ask

Hello Aspirant,  Hope your doing great,  your question was incomplete and regarding  what exam your asking.

Yes, scoring above 80% in ICSE Class 10 exams typically meets the requirements to get into the Commerce stream in Class 11th under the CBSE board . Admission criteria can vary between schools, so it is advisable to check the specific requirements of the intended CBSE school. Generally, a good academic record with a score above 80% in ICSE 10th result is considered strong for such transitions.

hello Zaid,

Yes, you can apply for 12th grade as a private candidate .You will need to follow the registration process and fulfill the eligibility criteria set by CBSE for private candidates.If you haven't given the 11th grade exam ,you would be able to appear for the 12th exam directly without having passed 11th grade. you will need to give certain tests in the school you are getting addmission to prove your eligibilty.

best of luck!

According to cbse norms candidates who have completed class 10th, class 11th, have a gap year or have failed class 12th can appear for admission in 12th class.for admission in cbse board you need to clear your 11th class first and you must have studied from CBSE board or any other recognized and equivalent board/school.

You are not eligible for cbse board but you can still do 12th from nios which allow candidates to take admission in 12th class as a private student without completing 11th.

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