दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में
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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

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Mithilesh KumarUpdated on 16 Oct 2025, 09:12 AM IST
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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली... ये शब्द सामने आते ही रोशनी से जगमग घर, शहर की तस्वीर दिमाग में आ जाती है। दिवाली हर भारतीय के लिए अपनों से जुड़े होने और अच्छाई करने की प्रेरणा देने वाला महापर्व है। दिवाली हमारे देश भारत के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है जो हमारे देश की संस्कृति, सामाजिकता और सौहार्द्र को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव मनाया जाता है जिसका समापन भाई दूज के बाद होता है। देश ही नहीं विश्वभर में मौजूद भारतीय मूल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं।
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This Story also Contains

  1. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)
  2. दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) - दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त (Deepawli puja shubh muhurt)
  3. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)
  4. दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)
  5. दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में कैसे लिखा जाता है?
  6. 250 शब्दों में दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध?
  7. हम दीपावली क्यों मनाते हैं? 300 शब्दों का निबंध कैसे लिखते हैं?
  8. दिवाली पर घरौंदे, कंदील और रंगोली प्रतियोगिता में बच्चे दिखाते हैं रचनात्मकता
  9. दिवाली पर निबंध (deepavali essay in hindi): दिवाली, बाजार और ऑफर
  10. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) : दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध
  11. दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi) : प्रतिबंध वाली जगहों पर ग्रीन पटाखों की अनुमति
  12. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - उपसंहार (Conclusion)
  13. दीपावली पर निबंध (Deepavali par Nibandh) : दिवाली शुभकामना संदेश (Happy Diwali wishes in Hindi)
  14. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली पर निबंध 10 लाइन (essay on diwali 10 lines)
  15. दिवाली 2025 में कब है (Diwali 2025 date in India)
  16. दीपावली से जुड़े कुछ रोचक और धार्मिक तथ्य
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में
Essay on Diwali in hindi

इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम द्वारा 14 वर्ष वनवास से अध्योध्या आगमन की है। इस वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा माता सीता को हर कर ले जाने वाले अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी भी शामिल है। दिवाली का त्योहार यह संदेश भी देता है कि बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो, उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन यानी कार्तिक अमावस्या को दीपावली का उत्सव मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। साथ ही उन्हे Diwali 2025 kab hai के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगी। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध (diwali ka nibandh) में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। अपने घर-परिवार से दूर अन्य प्रदेश, विदेश में रहकर रोजगार करने लोग भी इस समय अपने घर-परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लंबी यात्रा कर अपनों के बीच आते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ दिवाली शुभकामनाएं (Happy Diwali wishes in Hindi) और उपहार साझा करते हैं।

दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2025 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2025?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2025 में दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चों को कक्षा मे दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) लिखने को कहा जाता है। दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) - दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त (Deepawli puja shubh muhurt)

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा (diwali puja time 2025) करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। इस समय अधिकतर लोग ये जानना चाहते हैं कि Diwali 2025 kab hai। वर्ष 2025 में दीपावली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

दीवाली 2025 में पूजा मुहूर्त (diwali puja muhurat 2025)

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 07:08 से रात 08:18 बजे तक
  • अवधि - 1 घण्टा 11 मिनट
  • प्रदोष काल - शाम 05:46 से रात 08:18 बजे तक
  • वृषभ काल - शाम 07:08 से रात 09:08 बजे तक
  • अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 20, 2025 को शाम 03:44 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 21, 2025 को शाम 05:54 बजे
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यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध (diwali par nibandh in hindi) दिया गया है, जिसकी मदद दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) लिखते समय ली जा सकती है:

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + अवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘अवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी : दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व : दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

दिवाली का इतिहास: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

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दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)

  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में कैसे लिखा जाता है?

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) 150 शब्द (कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए)

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में उपयुक्त हैं।

दिवाली पर निबंध हर साल परीक्षाओं में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण निबंधों में से एक है। दिवाली, रोशनी का त्योहार है। यह हिंदू धर्म का एक बहुत पुराना उत्सव है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका विजय के बाद माता सीता को लेकर अध्योध्या वापस लौटे। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास की समाप्ति और रावण पर विजय के साथ माता सीता को मुक्त कराकर अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीपक जलाए। खुशियां मनाईं। यह परंपरा आज भी जारी है। दुनियाभर में हिंदू धर्मावलंबी बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाते हैं।

इस त्योहार को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता है। घर, दुकान में दीपावली से पहले सफाई की जाती है। सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दीपक जलाते हैं। दुकानों-प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अंधकार को दूर कर प्रकाश का भी प्रतीक है।

250 शब्दों में दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध?

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) 250 शब्द (कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों के लिए)

250 शब्दों की शब्द सीमा वाले दिवाली निबंध कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिवाली उल्लास और उत्सव का समय है। यह वह दिन है जब राजा रामचंद्र ने असुर सम्राट रावण को हराया और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या वापसी पर अयोध्यावासियों ने अपने राजा राम का स्वागत दीप जलाकर किया। मान्यता है कि रामचंद्र की वापसी की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।

लोग रंग-बिरंगी रोशनी से घरों को सजाते हैं। दीप-मोमबत्ती जलाते हैं। पकवान बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा होती है। बच्चे और बड़े पटाखे-आतिशबाजी करते हैं।

आतिशबाजी दिवाली का एक लोकप्रिय हिस्सा बन गई है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि त्योहार की असली भावना अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ फैलाना है। दिवाली जैसे त्यौहार परिवारों और दोस्तों के बीच के आपके बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा समय है जब हर कोई अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस जाता है।

दिवाली के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसलिए हर कोई त्योहार का आनंद उठाता है। रात होते ही उत्साह बढ़ता है। हर तरफ रोशनी दिखती है। माहौल में उल्लास का अनुभव होता है। दिवाली हमें धैर्य और जीवन में अच्छी चीजों की प्रतीक्षा करने का मूल्य सिखाती है। बच्चे उत्सुकता से उन स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का इंतज़ार करते हैं। यह एक ऐसा समय भी है जब घरों और आसपास की जगहों की अच्छी तरह सफाई होती है। दिवाली इस बात की शिक्षा देती है कि "अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों पर विजय प्राप्त करते हैं।"

हम दीपावली क्यों मनाते हैं? 300 शब्दों का निबंध कैसे लिखते हैं?

दिवाली पर 300 शब्दों में निबंध (कक्षा 9, 10 और 11 के छात्रों के लिए)

300 शब्दों में दिवाली पर निबंध (diwali festival information in hindi) कक्षा 9, 10 और 11 के छात्रों के लिए उनकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह निबंध अक्सर हिंदी लेख में पूछा जाता है।

भारतीय संस्कृति में त्यौहार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे हमारे मूल्यों की एक विशेष याद दिलाते हैं। त्योहार हमारी एकता, उल्लास और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, इसे चरितार्थ करते हैं। दीपावली एक ऐसा ही एक त्यौहार है जिसे बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली एक हिंदू त्यौहार है जो लंका के राजा रावण के साथ एक बड़ी लड़ाई के बाद श्रीरामचंद्र की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह अंधकार पर प्रकाश का द्योतक है। त्यौहार में लोग मिलजुलकर खुशियां बांटते हैं।

दिवाली हमें सभी के प्रति दयालु होने और धैर्य रखने की याद दिलाती है। हमारी मान्यताओं का हमारे सोचने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें दिवाली जैसे त्यौहारों में अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए। हालांकि दिवाली की रात को लोग पटाखे और आतिशबाजी करते हैं। यह कई बार लोगों की असुविधा का भी कारण बनता है। आतिशबाज़ी हवा में हानिकारक गैसें छोड़ती हैं, जिससे प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पटाखे की तेज आवाज आस-पास रहने वाले जानवरों को भी डराते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, दूसरों को खतरे में डाले बिना, ज़िम्मेदारी से जश्न मनाना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान, हमारे घर ताज़े पके हुए खाने की स्वादिष्ट खुशबू से भर जाते हैं। हम त्योहार के दौरान बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि त्योहार हमें करीब लाने और हमारे बंधन को मजबूत करने के लिए होते हैं, न कि उत्सव के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए। तो, आइए दिवाली को खुशी, दया और सभी जीवित प्राणियों और हमारे आस-पास की दुनिया के लिए विचार के साथ मनाएं।

दिवाली पर घरौंदे, कंदील और रंगोली प्रतियोगिता में बच्चे दिखाते हैं रचनात्मकता

दिवाली का त्योहार आने के 10-12 दिन पहले से ही बच्चों में इस त्योहार का उमंग दिखने लगता है। कोई अपने घरों में घरौंदा बनाने में जुट जाता है तो कोई कंदील तैयार करने में लग जाता है। स्कूलों में भी दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, कंदील प्रतियोगिता जैसे इवेंट का आयोजन होता है जिसमें बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमता दिखाते हैं। इस दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अलावा कई संस्थाओं द्वारा भी दिवाली पर कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हुए मिठाई और ग्रीन पटाखे बांटे जाते हैं।

दीपावली के दिन घर में मिट्टी का घरौंदा रखने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हालांकि बीते समय के साथ लोग इसको भूलने लगे हैं, लेकिन आज भी मान्यताओं को मानने वाले लोग मिट्टी, लकड़ी आदि से घरौंदा बनाकर घरों में रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन घर में घरौंदा बनाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कंदील सजाकर रखने से सकारात्मकता का भाव घर में बना रहता है।

दिवाली पर निबंध (deepavali essay in hindi): दिवाली, बाजार और ऑफर

दीपावली के अवसर पर बाजार में चहल-पहल बढ़ जाती है। तरह-तरह की दुकानें सजती हैं। मिट्‌टी के दीये, पटाखे, सजावट के सामान, फूल, कृत्रिम फूल, रंगोली बनाने का सामान, विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी लाइट, कपड़े, मिठाईयां, बर्तन की दुकानें सड़क के किनारे सज जाती हैं। पूरा माहौल आनंद और उल्लास से भर जाता है। लोग घरों की सफाई करते हैं। घरों की रंगाई-पुताई का काम दिवाली से पहले संपन्न कराया जाता है। लोग घरेलू उपयोग में आने वाली नई चीजें खरीदते हैं। बाजार में उत्साह और उमंग का वातावरण रहता है। इस अवसर का लाभ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी उठाती हैं। वे ग्राहकों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देते हैं और छूट देकर अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं। लोग उपहार में एक-दूसरे को मिठाईयां देते हैं। कंपनियाें में अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देने की परंपरा है। कंपनियां अपने कर्मियों को बर्तन, थर्मस, प्रेशर कूकर, आयरन, ट्रॉली बैग आदि के साथ ड्राई फ्रूट्स, मिठाईयां और नमकीन के पैकेट उपहार में देती हैं।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) : दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध

बच्चों को दीपावली का इंतजार सबसे अधिक इंतजार रहता है। क्योंकि उन्हें विभिन्न तरह के पटाखे चलाने को मिलता है। बच्चे अपने अभिभावकों से दिवाली से दो-चार दिन पहले ही अपने लिए फुलझड़ियां, अनार, पटाखे, बंदूक खरीदवा लेते हैं। और घर-बाहर धमा-चौकड़ी मचाते हुए पटाखे छोड़ते हैं। हालांकि पटाखे चलाते समय असावधानी रखने पर कभी-कभी दुर्घटना भी होती है। हाथ-पैर जल जाते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी को कोई नुकसान न हो। हालांकि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। और भारी आवाज और रोशनी वाले पटाखे नहीं चला सकते। क्योंकि ये पटाखे भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं तेज आवाज वाले पटाखे से जानवर खासकर कुत्ते सहम जाते हैं। इसलिए उनकी परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। बिहार में भी राजधानी पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में किसी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर पाई गई थी। हालांकि ग्रीन पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे तक किया जा सकता है।

दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi) : प्रतिबंध वाली जगहों पर ग्रीन पटाखों की अनुमति

विभिन्न राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई गई है। ग्रीन पटाखों के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्रीन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाल पीएम पार्टिकल्स कम मात्रा में होते हैं।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - उपसंहार (Conclusion)

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

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दीपावली पर निबंध (Deepavali par Nibandh) : दिवाली शुभकामना संदेश (Happy Diwali wishes in Hindi)

दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा ।
    शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।।
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली पर निबंध 10 लाइन (essay on diwali 10 lines)

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

दिवाली 2025 में कब है (Diwali 2025 date in India)

दिवाली 2025 में 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।

किस वर्ष दीपावली कब जानिए

  • 2022 - सोमवार, 24 अक्टूबर
  • 2023 - रविवार, 12 नवम्बर
  • 2024 - शुक्रवार, 1 नवम्बर
  • 2025 - सोमवार, 20 अक्टूबर
  • 2026 - रविवार, 8 नवम्बर
  • 2027 - शुक्रवार, 29 अक्टूबर
  • 2028 - मंगलवार, 17 अक्टूबर
  • 2029 - सोमवार, 5 नवम्बर
  • 2030 - शनिवार, 26 अक्टूबर
  • 2031 - शुक्रवार, 14 नवम्बर
  • 2032 - मंगलवार, 2 नवम्बर

दीपावली से जुड़े कुछ रोचक और धार्मिक तथ्य

  • महाप्रतापी तथा दानवीर राजा बलि ने अपने बाहुबल से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली, तब बलि से भयभीत देवताओं की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर प्रतापी राजा बलि से तीन पग पृथ्वी दान के रूप में मांगी। महाप्रतापी राजा बलि ने भगवान विष्णु की चालाकी को समझते हुए भी याचक को निराश नहीं किया और तीन पग पृथ्वी दान में दे दी। राजा बलि की दानशीलता से प्रभावित होकर भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक का राज्य दे दिया, साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि उनकी याद में भू लोकवासी प्रत्येक वर्ष दीपावली मनाएंगे।
  • राक्षसों का वध करने के लिए मां देवी ने महाकाली का रूप धारण किया। राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई। इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का भी विधान है।
  • कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था। इसी खुशी में अगले दिन अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं।
  • त्रेतायुग में भगवान राम जब रावण को हराकर अयोध्या वापस लौटे तब उनके आगमन पर दीप जलाकर उनका स्वागत किया गया और खुशियां मनाई गईं।
  • जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर ने भी दीपावली के दिन ही बिहार के पावापुरी में अपना शरीर त्याग दिया। महावीर-निर्वाण संवत्‌ इसके दूसरे दिन से शुरू होता है। इसलिए अनेक प्रांतों में इसे वर्ष के आरंभ की शुरुआत मानते हैं।
  • बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध के समर्थकों एवं अनुयायियों ने 2500 वर्ष पूर्व गौतम बुद्ध के स्वागत में हजारों-लाखों दीप जलाकर दीपावली मनाई थी।
  • सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक दीपावली के दिन हुआ था। इसलिए दीप जलाकर खुशियां मनाई गईं।
  • ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में रचित कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार कार्तिक अमावस्या के अवसर पर मंदिरों और घाटों (नदी के किनारे) पर बड़े पैमाने पर दीप जलाए जाते थे।
  • कार्तिक अमावस्या के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंहजी बादशाह जहांगीर की कैद से मुक्त होकर अमृतसर वापस लौटे थे।
  • 500 ईसा वर्ष पूर्व की मोहनजोदड़ो सभ्यता के प्राप्त अवशेषों में मिट्टी की एक मूर्ति के अनुसार उस समय भी दीपावली मनाई जाती थी। उस मूर्ति में मातृ-देवी के दोनों ओर दीप जलते दिखाई देते हैं।
  • अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के ही दिन शुरू हुआ था।
  • दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊंचे बांस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे।
  • मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते थे।
  • शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लाल किले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।
  • पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली।
  • महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की।

दिल्ली में ग्रीन पटाखे की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ग्रीन पटाखों के लिए अनुमति प्रदान की है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे कुछ शर्तों के साथ लागू किया है। ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल 18 से 21 अक्टूबर तक जिला कलेक्टर द्वारा चिन्हित स्थानों पर ही होगी। केवल पंजीकृत लाइसेंसधारी ही इन पटाखों की बिक्री कर सकेंगे। पटाखे जलाने का समय सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली के दिन होगा।

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इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 7 अक्टूबर 2025 को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दीपावली के अवसर पर ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति देने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम ग्रीन पटाखे की अनुमति के लिए कोर्ट के सभी निर्देशों का पालन करेंगे।्र


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दीवाली पर शुभकामना संदेश

यहाँ दीवाली के लिए कुछ हार्दिक शुभकामना संदेश दिए गए हैं:

1: दीवाली का यह पवित्र त्योहार आपके जीवन में अनंत खुशियां, समृद्धि और उजाला लाए। दीपों की रोशनी आपके घर को आलोकित करे। शुभ दीवाली!

2: दीवाली की जगमगाहट आपके जीवन से हर अंधेरा दूर करे और नई उम्मीदों का प्रकाश लाए। आपको और आपके परिवार को दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं!

3: इस दीवाली, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लाएं। दीपों का यह पर्व आपके लिए मंगलमय हो! शुभ दीवाली!

4: दीवाली का पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा, प्रेम और उत्साह भरे। दीपों की रोशनी की तरह आपका जीवन भी चमकता रहे। शुभ दीवाली!

5: इस दीवाली, आपके सभी सपने साकार हों और हर कदम पर सफलता आपके साथ हो। दीपों का यह त्योहार आपके लिए अनंत खुशियां लाए। शुभ दीवाली!

6: दीवाली की रंग-बिरंगी रोशनी आपके जीवन को खुशहाली और प्रेम से भर दे। आप और आपका परिवार सदा सुखी रहें। दीवाली की हार्दिक बधाई!

7: यह दीवाली आपके लिए नई शुरुआत और अनगिनत अवसर लेकर आए। दीपों की तरह आपका जीवन भी उज्ज्वल और सुंदर हो। शुभ दीवाली!

8: दीवाली के पावन पर्व पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं! यह त्योहार आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और प्रकाश लाए। दीपों की रोशनी से आपका घर और मन जगमगाए। शुभ दीवाली!


महत्वपूर्ण प्रश्न :

दीपावली पर निबंध (essay on diwali in hindi) 150 शब्दों में कैसे लिखा जाता है?

(दिवाली पर 150 शब्दों में निबंध deepavali essay in hindi) : दीपावली या दिवाली अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार आमतौर पर पांच दिनों तक चलता है और घरों और गलियों में तेल के दीये जलाकर और रंग-बिरंगी सजावट करके मनाया जाता है। लोग अपने घरों की सफ़ाई और सजावट करते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और ख़ास मिठाइयां और पकवान बनाते हैं। दीवाली के अवसर पर लोग घरों और दुकानों में पूजा-पाठ करते हैं।

इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण आतिशबाजी है, जो रात के आसमान को चटक रंगों से भर देती है। परिवार देवी-देवताओं की भी पूजा करते हैं, जिनमें धन की देवी लक्ष्मी, इस उत्सव में मुख्य भूमिका निभाती हैं। त्योहारों के अलावा, दिवाली का सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है। यह एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देती है, क्योंकि परिवार इस त्यौहार को मनाने के लिए एक साथ आते हैं। इसके अतिरिक्त, यह त्यौहार हिंदू, जैन और सिख सहित विभिन्न समुदायों के लिए गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है, और प्रत्येक इसे अलग-अलग कारणों से मनाता है। प्रकाश का यह त्यौहार लोगों और राष्ट्र के जीवन में समृद्धि लाता है।

दीपावली का मुख्य बिंदु क्या है?

दिवाली भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे लाखों लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण के 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने राज्य अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है।

दिवाली का दूसरा नाम क्या है?

दिवाली के अन्य नाम दीपावली, दीपोत्सव और प्रकाशोत्सव हैं। यह त्योहार 'दीपों की पंक्ति' या 'रोशनी की श्रृंखला' से निकला है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है।

अयोध्या में दीपावली क्यों मनाई जाती है?

मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में इस दिन प्रभु राम ने 14 वर्षों के वनवास के बाद लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस लौटे थे। उस समय अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजा के स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया और उत्सव मनाया, जो अब दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

दिवाली रोशनी का त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीवाली घरों की सजावट, दीये जलाकर, आतिशबाजी, नए कपड़े पहनकर, पारंपरिक मिठाइयों और उपहारों के आदान-प्रदान और परिवार के साथ उत्सव मनाकर मनाया जाता है, जिसमें धन की देवी लक्ष्मी की पूजा शामिल है।

दिवाली से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

दिवाली से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और असत्य पर सत्य की विजय होती है। यह त्योहार हमें आशावादी, साहसी और उदारता व कृतज्ञता जैसे मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। साथ ही, यह भीतर के अंधकार को दूर कर ज्ञान और सकारात्मकता अपनाने का भी संदेश देता है।

दीपावली का इतिहास क्या है?

दिवाली का इतिहास कई धार्मिक और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। इसका सबसे प्रसिद्ध संबंध भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने से है, जब लोगों ने उनके स्वागत में दीये जलाए थे। इसके अलावा, दीपावली भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध, समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी के प्रकट होने और जैन धर्म में भगवान महावीर के निर्वाण जैसे कारणों से भी मनाया जाता है। सिख धर्म में, इसे 'बंदी छोड़ दिवस' के रूप में मनाया जाता है जब गुरु हरगोबिंद सिंह को कै़द से रिहा किया गया था।

Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: दिवाली पर 100 शब्दों में निबंध (diwali nibandh) कैसे लिखें?
A:

दिवाली रोशनी का हिंदू त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक एक खुशी का उत्सव है। यह पूरे भारत में और दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। यह त्योहार राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है।

Q: मेरा प्रिय त्योहार दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) कैसे लिखें?
A:

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

Q: त्योहार का क्या अर्थ है?
A:

त्योहार एक बड़ा धार्मिक या सामुदायिक उत्सव का दिन होता है, जिसमें लोग खुशी-खुशी भाग लेते हैं और उत्सव मनाते हैं। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, हर धर्म और समुदाय के अपने त्यौहार होते हैं, जैसे हिंदुओं के लिए दिवाली, होली, दशहरा और ईसाइयों के लिए क्रिसमस और गुड फ्राइडे, जबकि मुसलमानों के लिए ईद। इन त्योहारों में विशेष अनुष्ठान, नृत्य, संगीत और भोजन शामिल होते हैं, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

Q: दीपावली के क्या लाभ हैं?
A:

दिवाली का त्यौहार गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। जलते हुए दीये, आतिशबाजी और मिठाइयां बांटना खुशियां फैलाने और अंधकार को दूर भगाने का प्रतीक है। यह वह समय है जब परिवार एक साथ आते हैं, रिश्ते सुधारते हैं, पुरानी शिकायतों को भुलाकर एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देते हैं।

Q: दीपावली से हमें क्या संदेश मिलता है?
A:

दीपावली यानि यह प्रकाश का पर्व है। दीये की रोशनी से अंधकार का नाश होता है। अन्धकार अज्ञानता और नकारात्मकता का प्रतीक है। आध्यात्मिक दृष्टि से, दीपक का प्रकाश आत्मज्ञान और सत्य की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार हमें यह संदेश देता है कि हमें अपने जीवन में सत्य और ज्ञान के प्रकाश को जलाए रखना चाहिए, ताकि अज्ञानता और अधर्म का अंधकार दूर हो सके। दीये की यह रोशनी हमारे भीतर की अच्छाइयों का भी प्रतीक है, जिसे हमें हर समय जलाए रखना चाहिए। यह त्योहार हमें प्रकाश, समृद्धि और एकता का संदेश देता है। दीपावली की रात्रि, अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। हमें अपने कार्य में भी इसी प्रकाश को फैलाने का प्रयास करना चाहिए। इस समय, हम सभी अपने परिवारों के साथ मिलकर खुशियाँ बांटें और नये लक्ष्यों की ओर अग्रसर हों।

Q: दीपावली को 200 शब्दों में क्यों मनाया जाता है?
A:

दीपावली के दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे। इतने सालों बाद घर लौटने की खुशी में सभी अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपों के त्योहार दीपावली मनाया जाने लगा।

Q: साल 2024 में दिवाली कब है? What is the real date of Diwali in 2024?
A:

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई गई। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई गई। 

Q: दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
A:

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है।

Q: दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
A:

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

Q: दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है?
A:

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

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