बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children’s Day Speech in Hindi 2021)
बाल दिवस पर हिंदी में भाषण - भारत में 14 नवंबर के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जैसा कि नाम से ही पता लगता है बाल दिवस बच्चों के लिए विशेष महत्व रखता है। चूंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म वर्ष 1989 में 14 नवंबर के ही दिन हुआ था और बच्चों से वह बेहद लगाव रखते थे इसे ध्यान में रखते हुए चाचा नेहरू के जन्मदिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस के अवसर पर विद्यालयों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं जिनका उद्देश्य बाल दिवस के महत्व और जवाहरलाल नेहरू के बच्चों के प्रति लगाव की जानकारी देना होता है।
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बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। विद्यालयों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।
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बाल दिवस पर हिंदी भाषण और बाल दिवस पर निबंध कैसे लिखें?
बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) पर भाषण देने के लिए सबसे पहले मंच पर पहुंचकर आयोजन में उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन करना होता है। इसके बाद सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपने भाषण की शुरुआत करें। बाल दिवस पर निबंध में इसकी कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसमें अपने विचारों को लिखकर अभिव्यक्त किया जाता है। इसके बाद बाल दिवस क्या है, बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बच्चों की वर्तमान समस्याएँ, उनके समाधान, बाल दिवस (Bal Diwas) के बारे में अपने विचारों आदि को जगह दें और यदि मंच पर बाल दिवस पर भाषण रहे हैं तो अंत में सभी को बाल दिवस की एक बार और हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात समाप्त करें।
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बाल दिवस की शुरुआत
बाल दिवस एक यादगार तारीख है जिसे बच्चों के प्रति स्नेह, दुलार और सम्मान प्रदर्शित करने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाए जाने की तारीख हर देश में अलग-अलग देखने को मिलती है। अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (International Children's Day), विश्व बाल दिवस (World Children’s Day), सार्वभौमिक बाल दिवस (Universal Children's Day) इससे मिलते-जुलते कुछ और नाम सुनने में आते हैं।
वर्ष 1925 में पहले विश्व बाल कल्याण सम्मेलन के लिए विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जिनेवा, स्विटजरलैंड में एकजुट हुए। इस सम्मेलन के बाद कुछ सरकारों ने बच्चों की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए एक दिन तय करने का निर्णय लिया। चूंकि किसी स्पष्ट तारीख की अनुशंसा नहीं की गई थी इसलिए सभी देशों ने अपनी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए इसके लिए एक तारीख तय की। दुनिया के कुछ देशों (यूएसएसआर के पूर्व घटक) में 1950 से 1 जून को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (International Children's Day) के रूप में मनाया जाता है।
विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) और इसका महत्व
वर्ष 1954 में दुनिया में पहली बार 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) को सार्वभौमिक बाल दिवस (Universal Children's Day) के रूप में स्थापित किया गया। विश्व बाल दिवस तय कर दिए जाने के बाद सदस्य देशों ने बच्चों के, भले ही वे किसी भी जाति, रंग, लिंग, धर्म या देश के हों उनके दुलार, प्रेम, पर्याप्त भोजन, चिकित्सा, निःशुल्क शिक्षा, हर तरह के शोषण से सुरक्षा के साथ वैश्विक शांति और भाईचारे वाले वातावरण में बढ़ने के अधिकार को मान्यता दी।
भारत में बाल दिवस
बच्चों को देश का भविष्य मानने वाले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से विशेष स्नेह रखते थे और बच्चे भी इन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। इनको चाचा नेहरू कहे जाने से जुड़ी कई बातें कही जाती हैं। इनमें से एक के अनुसार बच्चों के प्रति दोस्ताना रवैया रखने के कारण बच्चे इनको चाचा नेहरू कहते थे। ऐसा भी माना जाता है कि महात्मा गांधी के निकट होने के कारण इनको चाचा की संज्ञा मिली क्योंकि ये महात्मा गांधी के लिए छोटे भाई जैसे थे और महात्मा गांधी को सब बापू कहते थे ऐसे में उनके छोटे भाई यानि पं. नेहरू को चाचा की संज्ञा मिली। पंडित नेहरू बच्चों को किसी देश की वास्तविक शक्ति और समाज की बुनियाद मानते थे। पं. नेहरू ने कहा था, आज के बच्चे भावी भारत का निर्माण करेंगे। हम जिस तरह से उनका पालन-पोषण करेंगे उसी पर देश का भविष्य निर्भर होगा।
भारत में 1959 से बाल दिवस मनाया जा रहा है पर तब बाल दिवस 20 नवंबर को ही मनाया जाता था। लेकिन 27 मई, 1964 को पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु होने के बाद इनकी स्मृति में इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई। पंडित नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाना चाचा नेहरू का बच्चों के प्रति प्रेम और उनके प्रति बच्चों के लगाव को चिह्नित करने का एक प्रयास है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचार
1. कोई ऐसा पल जो इतिहास में बहुत कम बार आता है वह है पुराने को छोड़कर नए की तरफ जाना
– जवाहरलाल नेहरु
2. जब तक मुझे खुद लगता है कि किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है
– जवाहरलाल नेहरु
3. जो व्यक्ति सफल हो जाता है वह हर चीज फिर शांति और व्यवस्था के लिए चाहता है
– जवाहरलाल नेहरु
4. जीवन में डर के अलावा खतरनाक और बुरा और कुछ भी नहीं
– जवाहरलाल नेहरु
5. जब भी हमारे सामने संकट और गतिरोध आते है, उनसे हमें एक फायदा तो होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते है
– जवाहरलाल नेहरु
वर्तमान परिदृश्य में बाल दिवस का महत्व
बाल दिवस का आयोजन बाल दिवस पर भाषण, बाल दिवस पर निबंध, बाल दिवस पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों से यह कहीं आगे का विषय है। बाल दिवस की शुरुआत किए जाने का मूल कारण बच्चों की जरूरतों को स्वीकार करने, उनको पूरा करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनके शोषण को रोकना था ताकि बच्चों का समुचित विकास हो सके। लेकिन बाल दिवस, स्कूलों, सरकारी और निजी संस्थानों, सरकारी विभागों के लिए एक औपचारिकता भर बनकर रह गया है जिसके चलते पढ़ने, खेलने की उम्र में भारतीय बच्चों का एक बड़ा हिस्सा शोषण का शिकार है, बालश्रमिक कारखानों, दुकानों, होटलों आदि में मजबूरी में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं।
अबोध बचपन बाल तस्करी की भेंट चढ़ रहा है। जब तक सरकारी नियमों का कड़ाई से पालन नहीं होता और ऐसे बच्चों के राहत और पुनर्वास के कदम नहीं उठाए जाते, तब तक देश में बाल दिवस के अवसर पर औपचारिक आयोजनों के जरिए खानापूर्ति होती रहेगी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित, शोषित बचपन सिसकता रहेगा। बाल दिवस को सार्थक बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों और सरकारी तंत्र को संवेदनशील बनना होगा और देश के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान करने के लिए आगे आना होगा।
चाचा नेहरू और बाल दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- पं. जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के प्रति प्रेम देश की भौगोलिक सीमाओं में नहीं बँधा था। दुनिया भर के बच्चों को संबोधित संबोधित करते हुए 3 दिसंबर, 1949 को एक पत्र लिखा।
- जापान के बच्चों ने पं. नेहरू से एक हाथी भेजने का अनुरोध किया। पं. नेहरू ने भारतीय बच्चों की ओर से जापान के बच्चों के लिए एक शानदार हाथी उपहार स्वरूप भेजा। इस हाथी का नाम पं. नेहरू की बेटी के नाम पर इंदिरा रखा गया था। यह टोकियो के यून चिड़ियाघर में रखा गया। इसके साथ ही उन्होंने संदेश भेजा कि मुझे उम्मीद है कि इस हाथी ही तरह आप धैर्यवान, मजबूत और विनम्र बनेंगे।
- भारत में 1959 से ही बाल दिवस मनाया जाता रहा है, पहले देश में 20 नवंबर को मनाया जाता था।
- पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद बच्चों के प्रति इनके स्नेह को देखते हुए इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को बाल दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
- तीन मूर्ति भवन के बाग में टहलते समय उनको एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी जिसे उसकी माँ जमीन पर लिटाकर कहीं बाग में काम कर रही थी, नेहरू जी ने उस 2 माह के बच्चे को गोद में लेकर चुप कराने लगे और उसकी माँ के आने तक प्रधानमंत्री ने माँ की भूमिका निभाई।
बाल दिवस के अवसर पर देश में होने वाले विभिन्न कार्यक्रम
राजस्थान: बाल दिवस सप्ताह समारोह - राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के संरक्षण में प्रत्येक वर्ष पंडित नेहरु के जन्म दिवस के अवसर पर राजस्थान राज्य में बाल दिवस सप्ताह समारोह आयोजित होता है। इस वर्ष भी 14 से 20 नवंबर तक बाल दिवस सप्ताह का आयोजन हो रहा है।
इन्हें भी देखें
- सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर 2022
- यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट 2022
- यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड 2022
- आरबीएसई 10वीं का सिलेबस 2021-22
Frequently Asked Question (FAQs) - बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (Children’s Day Speech in Hindi 2021)
प्रश्न: बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) कब मनाया जाता है?
उत्तर:
भारत में बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है।
प्रश्न: भारत में चिल्ड्रेन्स डे 14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। इनकी याद में इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न: चिल्ड्रेन्स डे (बाल दिवस) क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
बाल दिवस की शुरुआत किए जाने का मूल कारण बच्चों की जरूरतों को स्वीकार करने, पूरा करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और बलशोषण को रोकना है ताकि बच्चों का समुचित विकास हो सके।
प्रश्न: भारत में बाल दिवस कब से मनाया जा रहा है?
उत्तर:
भारत में 1959 से बाल दिवस मनाया जा रहा है पर तब बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। लेकिन 27 मई, 1964 को पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु होने के बाद इनकी स्मृति में इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई।
प्रश्न: प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर:
पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर को प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ था।
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