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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - देश की प्रतिष्ठा और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाला त्योहार हमारा 75वां गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाता है। यह हमारे देश के लिए बेहद ही खास पर्व है, साथ ही यह हमारे लिए बेहद ही गर्व का विषय है कि हमारे राष्ट्र को एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुए 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं। देश की संप्रभुता और एकीकरण को दर्शाने वाला यह त्योहार हर भारतीय के मन में देश-भक्ति की भावना का संचार करता है। गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) में हम इस विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं को कवर करेंगे। छात्र गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) जैसे विषय के बारे में अपनी जानकारी को समृद्ध करने के लिए यह लेख पूरा पढ़ सकते हैं।
गणतंत्र दिवस पर निबंध
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न स्थानों जैसे सरकारी कार्यालयों, विभागों स्कूलों, सार्वजनिक सभाओं में बेहद विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में अक्सर गणतंत्र दिवस पर भाषण (speech on Republic day in hindi) देना शामिल होता है। विशेषकर स्कूल जाने वाले छात्रों को गणतंत्र दिवस समारोह में गणतंत्र दिवस पर स्पीच (speech on republic day in hindi) देने के लिए कहा जाता है। अब छात्रों के मन में यह प्रश्न उठता है कि वे गणतंत्र दिवस पर भाषण की शुरुआत कैसे करें? (How to start Republic Day speech in Hindi)। आइये इस लेख के माध्यम से इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं।
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इस वर्ष हम अपने गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों शामिल होंगे। इसके साथ ही वें फ्रांस के छठवें राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें भारत द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। यह एक विशेष जानकारी है जिसे छात्रों को अपने गणतंत्र दिवस पर भाषण में शामिल करना चाहिए।
उदाहरण- आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय अतिथि एवं, समस्त शिक्षकों को सादर नमन एवं मेरे प्यारे भाइयों तथा बहनों! आज गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हम एकत्रित हुए है। यह दिवस देश के संघर्ष और गौरव-गाथा का प्रतीक है। यह संघर्ष का प्रतीक इसलिए है, क्योंकि हमने 200 वर्षों की प्रताड़ना पर विजय प्राप्त कर ली थी तथा गौरव-गाथा इसलिए कि हमने आत्म-निर्भरता का प्रदर्शन करते हुए, 26 जनवरी 1950 को अपने संविधान का निर्माण कर अपने-आप को एक गणराज्य के रूप में स्थापित कर दिया। गणतंत्र दिवस हमारे देश की संप्रभुता तथा एकता का प्रतीक है और दर्शाता है कि हम एक स्वतंत्र परिवेश में सांस ले रहें है। आज का दिन स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी के बलिदान और योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करने का दिवस है।
आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ जो भारत अनेकता में एकता का मार्ग-दर्शक है। यह हमें समानता का अधिकार प्रदान करता है। हमारे संविधान की प्रस्तावना में ही लिखा है कि 'हम, भारत के लोग, भारत को एक संप्रभु समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने और इसके सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने का गंभीरता से संकल्प लेते हैं।' हमें इस संकल्प का पूरी निष्ठा के साथ पालन करना चाहिए तथा अपने देश के विकास में अपनी पूर्ण भागीदारी प्रदान करनी चाहिए। धन्यवाद!
हमारे देश भारत में मूल रूप से तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। ये तीनों ऐसे पर्व हैं जो किसी जाति या समुदाय विशेष के न होकर, हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं। हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है। गणतंत्र दिवस (Republic Day eassay in hindi) देश में जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता के शासन की व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले पर्व का उत्सव है। इस अवसर पर लोग अपने विचार गणतंत्र दिवस पर भाषण के जरिए व्यक्त करते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (speech on republic day in hindi) देने के लिए कहा जाता है।
छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने से पहले गणतंत्र दिवस पर भाषण को प्रभावी ढंग से कैसे तैयार करें, इसकी जानकारी एकत्र करनी चाहिए। इस लेख से आपको न सिर्फ गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay in hindi) लिखने में मदद मिलेगी, बल्कि भाषण / निबंध को लिखने की शैली के बारे में भी जानकारी मिलेगी। ऐसे में यह जरूरी है कि गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख को आप पूरा पढ़ें।
अन्य महत्वपूर्ण लेख :
चूंकि गणतंत्र दिवस भारत के बेहद महत्वपूर्ण व खास दिवसों में से एक है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) लिखने या गणतंत्र दिवस पर भाषण देने का चलन काफी आम है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से गणतंत्र दिवस का महत्व बेहद खास व दिलचस्प है। इस दिन कई जगहों पर गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने या फिर गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
कई जगहों पर कुछ विशिष्ट व सम्मानित लोगों को आमंत्रित कर उनसे सभा को संबोधित करते हुए गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन (10 lines on republic day) कहने को कहा जाता है। चूंकि यह दिवस हर भारतीय के जीवन में एक विशेष महत्व रखता है। ऐसे में विशेषकर विद्यालयों में विद्यार्थियों को इस दिवस को लेकर जागरूक करने के विचार से गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day speech in hindi) लिखने का कार्य भी दिया जाता है।
कई बार तो विद्यालयों के परीक्षा में भी अच्छे-खासे अंक के लिए गणतंत्र दिवस पर भाषण या गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं कई बार कुछ विशेष कार्यक्रमों में छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) देने के लिए भी कहा जाता है। यहाँ तक कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई जगहों पर गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) लिखने संबंधित प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।
कई छात्रों की हिंदी भाषा पर पकड़ ज्यादा मजबूत नहीं होती है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखना या किसी समारोह में 26 जनवरी पर भाषण (26 january speech in hindi) देना उनके लिए आसान काम नहीं होता। उपर्युक्त सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही इस लेख में उपलब्ध गणतंत्र दिवस पर भाषण को तैयार किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि इसके बाद आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने या गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) (republic day speech in hindi) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है, तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण की आपकी तलाश यहां खत्म होती है।
हालांकि इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर निबंध (Gantantra Diwas par nibandh) लिखने या 26 जनवरी पर भाषण (26 january speech in hindi) देने में तो आपको निश्चित तौर पर मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही आपको सलाह दी जाती है कि निम्नलिखित गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day essay in hindi) / गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें तथा इस निबंध/भाषण से सीखते हुए स्वयं ही गणतंत्र दिवस पर निबंध / गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) को तैयार करें। गणतंत्र दिवस पर लेख भाषण तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें तथा बेहतर प्रदर्शन करें।
26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इस दिन की याद में ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हमारा देश हिंदुस्तान आजाद 15 अगस्त, 1947 को हुआ, लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।
महत्वपूर्ण लेख -
देश में लोकतांत्रिक प्रणाली की राह तैयार करने वाला संविधान 26 जनवरी को लागू किए जाने की यह तारीख भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखती है। सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। इन सबमें से मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में आयोजित किया जाता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक देखने को मिलती है। देश भर के विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in hindi), देशभक्ति के गीत, नृत्य, नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं तथा मिठाइयां वितरित की जाती हैं।
महत्वपूर्ण लेख -
गणतंत्र दिवस पर भाषण (easy republic day speech) आसानी से कैसे तैयार किया जा सकता है, इस लेख में उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। यदि गणतंत्र दिवस पर भाषण देने जा रहे हैं, तो आपको सलाह दी जाती है कि सबसे पहले मंच पर पहुंचकर खुद को सामान्य बनाएं, घबराएं नहीं, यदि जरूरत हो तो गहरी-गहरी दो-तीन सांस लेकर खुद को संयत करें और फिर गणतंत्र दिवस भाषण (Gantantra Diwas par Bhashan) शुरू करें। सबसे पहले सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करें। विद्यालयों के गणतंत्र दिवस सभाओं के लिए मोटे तौर पर कुछ इस तरह का संबोधन रखा जा सकता है -
“आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सभाध्यक्ष महोदय, उपस्थित सज्जन वृंद, गुरुजन वृंद, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों! आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जैसा कि पूर्वविदित है हम सभी यहां इस पावन तिरंगे झंडे के नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हर भारतवासी के लिए गर्व और सम्मान की बात है।“
संबोधन वाला भाग समाप्त होने के बाद गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) में इस दिवस का परिचय दें (What is Republic Day), गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (Why do we celebrate Republic Day)। भारतीय संविधान की कुछ प्रमुख बातों पर प्रकाश डालें। इसके बाद भारतीय गणतंत्र की स्थिति, इससे जुड़ी मुख्य समस्याओं पर प्रकाश डालें और साथ ही इनके संभावित समाधान की बात करते हुए अपनी वाणी (republic day speech for students) को विराम दें। गणतंत्र दिवस पर हिंदी में भाषण (26 january speech in hindi) के लिए जरूरी जानकारी आगे दी जा रही है, इसका अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार लाभ उठाएं।
गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Republic Day) - भारतीय संविधान के निर्माण के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई। 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन की कड़ी मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनाकर तैयार किया गया, इस दिन (26 नवंबर, 1949) को भारतीय इतिहास में संविधान दिवस, राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी, 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह है कि भारत को आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी, 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद 15 अगस्त, 1947 से पहले तक प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा। देश को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी की स्मृति को बनाए रखने के लिए इसी दिन भारतीय संविधान को लागू करने का फैसला किया गया।
अन्य उपयोगी लिंक -
यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। खास बात ये है कि इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है, तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से, तो सबशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। हमारा संविधान अपने आप में संपूर्ण है।
इन्हें भी देखें -
इसके बावजूद भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं, जो इतना समय बीत जाने के बाद भी जस की तस हमारे सामने खड़ी है।
भ्रष्टाचार- देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार में लगातार वृद्धि हुई है, स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है। जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं वे उनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमघट है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।
सांप्रदायिकता- भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश के सब नागरिक समान हों, किसी के साथ भेदभाव न हो, लेकिन राजनैतिक दलों ने इसके ताने-बाने को उधेड़कर रख दिया है। राजनैतिक दल सत्ता के लालच में समाज को धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं। जिसकी वजह से विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाब बढ़ रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।
खराब स्वास्थ्य सेवा- तेजी अपने पैर पसारती कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों की सरकारों द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। लोकतंत्र की आत्मा, जनता रामभरोसे है।
बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना आदि जैसी बहुत सी समस्याएं हैं, जो हमारे आस-पास नजर आ जाएंगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है।
हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं आज से और आज की नहीं हैं, ये तो कई दशकों से देश में मौजूद हैं और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। नेता, मंत्री, अफसरों के द्वारा गणतंत्र दिवस पर भाषण दिए जाते हैं पर जब देश, समाज और जनता के कल्याण के लिए काम करने की बात आती है, तो सब नाकाम नजर आते हैं। आलम यह है कि एक कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद जब सरकारें बदलती हैं, तो पता लगता है कि देश, प्रदेश, समाज, पंचायत का विकास तो नहीं हुआ पर उनके प्रतिनिधियों की संपत्ति में कई गुना वृद्धि जरूर हो चुकी होती है।
अन्य उपयोगी लिंक्स -
देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत होगी। भ्रष्टाचार लगभग हर समस्या की एकमात्र जड़ है। इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सभी समस्याएं भी कम होने लगेंगी। देश की राजनैतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है। इसके लिए राजनैतिक दलों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी और कर्मठ तथा ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना होगा। लोकतंत्र के सभी स्तंभों यानी कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका का अच्छे से निर्वहन करना होगा।
इसके अलावा चौथा स्तंभ माने जाने वाले प्रेस को भी अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएगा वरना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में इससे जुड़े मुद्दे उठेंगे और उसके बाद फिर वर्ष भर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। ऐसी स्थिति ना आ पाए इसलिए आइए हम सब आज यह प्रण लें कि संविधान के अनुरूप आचरण करेंगे और देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे।
इसके बाद "जय हिंद, जय भारत" के नारे के साथ गणतंत्र दिवस भाषण को समाप्त करें।
1. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा
2. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
3. मूल भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद और अनुसूचियाँ थीं?- 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची
4. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किस अनुच्छेद में है?- अनुच्छेद 19
5. मौलिक अधिकारों की बात किस हिस्से में की गई है?- भाग 3 (अनुच्छेद 12-35 तक)
6. राज्य सभा का सभापति कौन होता है?-उपराष्ट्रपति
7. भारतीय संविधान को कब अपनाया गया?- 26 नवंबर, 1949
8. भारतीय संविधान कितने समय में बनकर तैयार हुआ?- 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में
9. किस संशोधन के बाद संपत्ति का अधिकार कानूनी अधिकार बन गया?- 44वें
10. किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई है?- अनुच्छेद 61
हम उम्मीद करते हैं कि हिन्दी में गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) विशेष इस लेख की सहायता से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो गया होगा। गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख से आपकी अगर किसी भी प्रकार सहायता हुई है, तो यह हमारे लिए काफी सम्मान की बात है। गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख की तरह ही अन्य लेख को भी आप इस लेख में ऊपर दिए गए लिंक्स पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
ये भी देखें :
महत्वपूर्ण प्रश्न :
26 जनवरी 2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस था?
26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतन्त्र दिवस भारत गणराज्य का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में भारत का 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वर्ष 2024 के मुख्य अतिथि थे।
26 जनवरी 2024 की थीम क्या थी?
गणतंत्र दिवस परेड 2024 में झांकी का विषय 'भारत - लोकतंत्र की मातृका' था। 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर औपचारिक परेड होती है, जिसमें भारत के राज्यों द्वारा सुंदर झांकी बनाकर भारत, इसकी विविधता में एकता और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाता है।
भारत गणराज्य का अर्थ क्या है?
गणतंत्र शब्द का अर्थ है वह राज्य जिसमें सर्वोच्च शक्तियां जनता और उसके चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथों में होती हैं और राज्य का मुखिया भी एक निर्वाचित या मनोनीत व्यक्ति होता है। इसतरह भारत एक गणतंत्र राज्य है, इसका मतलब है कि भारत का मुखिया वंशानुगत नहीं है।
प्रति वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, हमारा देश भारत गणतंत्र बना था। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के कारण यह दिन हमारे देश के राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है।
सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में होता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक दिखाई जाती है। विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभातफेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech), देशभक्ति के गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं और मिठाइयां वितरित की जाती हैं।
प्रभावी गणतंत्र दिवस 2024 भाषण (impressive republic day 2024 speech) तैयार करने के लिए जानकारी और तथ्यों की जानकारी जुटानी होगी। ऊपर लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर आसानी से भाषण तैयार किया जा सकता है।
यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से तो सशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। यह अपने आप में संपूर्ण है।
संविधान की विशेषताओं से जुडे़ प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे ही कुछ प्रश्न और उनके उत्तर ऊपर लेख में देखे जा सकते हैं।
भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली प्रारूप समिति के अध्यक्षता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की।
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
Admit Card Date:04 October,2024 - 29 November,2024
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Application Correction Date:08 October,2024 - 27 November,2024
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