वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi) - 200, 300, 500 शब्दों में

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi) - 200, 300, 500 शब्दों में

Edited By Alok Mishra | Updated on Nov 02, 2024 01:08 PM IST

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi) : वायु, जल और भोजन- जीवन की इन तीन अनिवार्य आवश्यकताओं के बिना जीवन संभव नहीं हैं। इनमें भी वायु यानी हवा सबसे अनिवार्य है क्योंकि भोजन तथा पानी के बिना तो जीव कुछ समय तक जिंंदा रह सकता है, लेकिन हवा के बिना दो मिनट भी जीवित रहना मुश्किल है। हवा यानी वायु की अनिवार्य आवश्यकता के बावजूद इसे स्वच्छ रखने की बजाय लोग इसकी अनदेखी करते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों की मानें तो हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की किसी न किसी बीमारी से असमय मौत हो जाती है। वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) के माध्यम से हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution in hindi) से इस विकट समस्या को जहां समझने में आसानी होगी, वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार अन्य कारणों से भी परिचित हो सकेंगे। इससे स्कूली छात्रों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Hindi Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी।
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पृथ्वी पर रहने वाले हर जीव को जिंदा रहने के लिए हवा की आवश्यकता होती है। हवा यानी वायु गैसों का मिश्रण है। स्वच्छ वायु में लगभग 78% प्रतिशत भाग नाइट्रोजन, 21% भाग ऑक्सीजन और बाकी कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, आर्गन, जल वाष्प की मात्रा रहती है। अगर इनमें खासकर कार्बन, मिथेन, नाइट्रोजन की मात्रा में बदलाव हुआ तो ये वायु प्रदूषित हो जाती है। औद्योगीकरण की तेज रफ़्तार ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) को जन्म दिया है। हर साल वायु प्रदूषण (Air pollution) के कारण दुनिया भर में लाखों लोगों की असमय मौत हो जाती है। वर्तमान समय में वायु में इसी तरह की गैस और धूलकणों की मात्रा लगातार बढ़ रही है जिससे वैश्विक स्तर पर इसको लेकर चिंता बढ़ी है। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution hindi) से छात्रों को परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on World Environment Day in hindi) लिखने में भी यह लेख उनकी सहायता करेगा।

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वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण क्या है? (What is Air Pollution?)

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on air pollution in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से हमें सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि वायु प्रदूषण क्या है? मनुष्यों तथा अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद ऐसे तत्व प्रदूषक कहलाते हैं, जो प्राकृतिक तौर पर वायु में नहीं पाए जाते हैं और वायु में ऐसे प्रदूषकों के मिलने से वायु प्रदूषण होता है। जब वायु में प्रदूषक तत्व उपस्थित होते हैं, तो कहा जाता है कि वायु प्रदूषित है।

सामान्य तौर पर कहें तो वायु प्रदूषण का मतलब हवा में किसी भी भौतिक, रासायनिक या जैविक परिवर्तन से है। यह हानिकारक गैसों, धूल तथा धुएं द्वारा हवा में खैला प्रदूषण है जो पौधों, जानवरों और मनुष्यों को काफी प्रभावित करता है।

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वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण कितने प्रकार का होता है?

वायु प्रदूषण के प्रकार को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है -

  1. प्राथमिक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण - प्राथमिक प्रदूषक वाले प्रदूषण में ज्वालामुखी विस्फोट से राख, लावा धुँआ; वाहनों आदि से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड गैस आदि से होने वाला प्रदूषण आता है।

  2. द्वितीयक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण - द्वितीयक प्रदूषक सीधे उत्सर्जित नहीं होते हैं, बल्कि जब प्राथमिक प्रदूषक आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया करते हैं। तब वे वायु में निर्मित होते हैं। जमीनी स्तर की ओज़ोन द्वितीयक प्रदूषक का प्रमुख उदाहरण है, जो धूम-कोहरा (स्मॉग) बनाती है।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण के कारण

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) के इस भाग में अब हम वायु प्रदूषण के स्रोतों के बारे में जानेंगे। वायु प्रदूषण के स्रोतों को दो भागों में बाँटा जा सकता है-

विभिन्न प्रकार के ईंधनों के दहन से संबंधित मानवजनित स्रोत (मानव गतिविधि) और प्राकृतिक स्रोत।

वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक मानवीय गतिविधियाँ हैं। विद्युत संयंत्र, कल-कारखाने, लकड़ी, कोयले और उपले या अन्य सामग्रियों के दहन से निकले वाली गैस और वाहनों से निकलने वाला धुँआ आदि इसका एक प्रमुख कारण है।

कभी-कभी वायु प्रदूषण प्राकृतिक कारणों से जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाला धुँआ या धूल की वजह से भी होता है, तो कई बार वनों में लगने वाली आग से निकलने वाला धुँआ भी इसके लिए जिम्मेदार होता है।

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वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, खाँसी, अस्थमा और श्वसन व हृदय संबंधी बीमारियों का होना शामिल हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण खराब हुई वायु गुणवत्ता के मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन मुख्य रूप से शरीर की श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषकों के प्रति व्यक्ति विशेष पर पड़ने वाला असर संपर्क में आने वाले प्रदूषक के प्रकार, उस वातावरण में बिताए गए समय, व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है। वायु प्रदूषण के सबसे आम स्रोतों में निलंबित कण, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड आदि आते हैं। घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण की स्थिति के कारण होने वाली कुल मौतों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि विकासशील देशों में रहने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साल 2014 में लगाए गए अनुमान के अनुसार हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की असमय मौत होती है। मार्च 2019 में प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि यह संख्या लगभग 88 लाख तक हो सकती है। पर्यावरणीय स्वास्थ्य खतरों के कारण होने वाली मौतों के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा कारण है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में अस्थमा से अधिक मौतें होती हैं। दिसंबर 2013 में चीन में प्रत्येक साल वायु प्रदूषण से लगभग 500,000 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था। इस तरह हम देख सकते हैं कि वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति मानव जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारियों को न केवल समझना होगा, बल्कि निभाने की भी जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण कैसे कम किया जा सकता है?

वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay in hindi) के इस अहम भाग में हम वायु प्रदूषण की समस्या को खत्म या कम करने के कुछ उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे-

  1. पेड़-पौधे वातावरण की कार्बन डाईऑक्साइड को खींचकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के सबसे अहम उपायों में से एक है बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाना।

  2. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और कड़ाई से इसका पालन किया जाना चाहिए। जंगलों में लगने वाली आग के त्वरित नियंत्रण के उपाय किए जाएँ।

  3. जीवाश्म ईंधन के बजाए वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए।

  4. कल-कारखानों में प्रदूषण मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

  5. वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार गतिविधियों को सीमित या बंद किया जाए।

  6. नागरिकों को वायु प्रदूषण के नुकसान, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों तथा इन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना।

  7. प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को शहर और रिहायशी इलाकों से दूर रखना।

  8. ऐसी तकनीकों का उपयोग करना, जिससे कम से कम धुँआ उत्सर्जित हो।

उम्मीद है कि वायु प्रदूषण पर निबंध (वायु प्रदूषण पर लेख) विशेष इस लेख के माध्यम से वायु प्रदूषण को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली होगी और हम सब वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay in hindi) में बताई गई जानकारियों का उपयोग कर वायु प्रदूषण को कम कर बेहतर पर्यावरण के निर्माण की दिशा में अपना छोटा लेकिन बेशकीमती योगदान देंगे।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - कुछ विचार और नारे

वायु प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरल शब्दों में नारे (स्लोगन) तैयार किए जाते हैं जो आसानी से समझ में आ जाते हैं और लंबे समय तक याद भी रहते हैं। प्रदूषण, विशेषकर वायु प्रदूषण के बारे में नीचे हमने कुछ नारे संकलित किए हैं, जिनका उपयोग लोगों को जागरूक करने और वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा सकता है।

नीचे कुछ वायु प्रदूषण पर नारे हिंदी में दिए गए हैं -

1. स्वच्छ वायु के लिए कुछ कर दिखाना होगा; पेड़ों, बाग-बगीचों को कटने से बचाना होगा।

2. तरक्की की क्या खूब हमने गढ़ी कहानी है, वायु प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी निशानी है।

3. जागरूक नागरिक बनिए, वायु प्रदूषण फैलाने से बचिए।

4. आओ वायु प्रदूषण को मिलकर हटाएँं, हम सब मिलकर पड़े लगाएँ।

5. कुछ पाने की हमने बड़ी कीमत चुकाई, अपनी साँसों को खुद हमने जहरीली हवा पिलाई।

6. जागो तुम, जागेगा भारत, शुद्ध हवा पाएगा भारत।

7. स्वच्छ हवा को अगर पाना है, सबको पेड़ लगाना है।

8. अपना नहीं भविष्य का सोचो, वायु प्रदूषण को आज ही रोको।

9. सबका एक ही नारा, प्रदूषण मुक्त हो देश हमारा।

11. स्वस्थ और बलशाली लोग भी वायु प्रदूषण से प्रभावित हो सकते हैं।– जेन लैपिंग

12. धरती माता अपने सभी बच्चों के साथ गैस चैंबर की ओर जा रही हैं- स्टीवन मैगी

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - उपसंहार

स्वार्थपरता से ऊपर उठकर दुनिया के सभी देशों को इसमें अपनी भूमिका का सक्रियता से निर्वहन करने की जरूरत है। दुनिया के बड़े और शक्तिशाली देशों ने ही सबसे अधिक वायु प्रदूषण किया है इसलिए इसकी रोकथाम करने की दिशा में भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी इनकी ही बनती है, क्योंकि न केवल जरूरी संसाधन और विशेषज्ञता के कारण ये ऐसा करने में सक्षम हैं, बल्कि इनके ही कर्मों की सजा पूरी दुनिया को भुगतनी पड़ रही है। वायु प्रदूषण दुनिया में तेजी से बढ़ रही एक गंभीर समस्या है, जिसकी रोकथाम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। छोटे-छोटे व्यक्तिगत प्रयास भी इसमें अहम भूमिका निभाएँगे। हम सभी को पर्यावरण प्रदूषण रोकने और वायु प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका को समझना होगा और उसका ईमानदारी के साथ निर्वहन करना होगा, केवल तभी वायु प्रदूषण की समस्या पर लगाम कसी जा सकेगी।

हम उम्मीद करते हैं कि वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay in hindi) विशेष इस लेख से आपको न सिर्फ वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध (Air Pollution Essay in hindi) लिखने में ही सहायता मिलेगी, बल्कि आप वायु प्रदूषण को लेकर काफी जागरूक भी हुए होंगे। धन्यवाद।

Frequently Asked Questions (FAQs)

1. वायु प्रदूषण क्या है?

मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद ऐसे तत्व प्रदूषक कहलाते हैं जो प्राकृतिक तौर पर वायु में नहीं पाए जाते। वायु में इन प्रदूषकों के मिलने से वायु प्रदूषण होता है। वायु में प्रदूषक तत्वों के उपस्थित होने की स्थिति में वायु प्रदूषण होता है।

2. वायु प्रदूषण कितने प्रकार का होता है?

वायु प्रदूषण मोटे तौर पर दो प्रकार का होता है-

  1. प्राथमिक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण- प्राथमिक प्रदूषक वाले प्रदूषण में ज्वालामुखी विस्फोट से राख, लावा धुँआ; वाहनों आदि से निकलने वलीकार्बन मोनो ऑक्साइड गैस, कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड गैस आदि से होने वाला प्रदूषण आता है।

  2. द्वितीयक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण- द्वितीयक प्रदूषक सीधे उत्सर्जित नहीं होते हैं। बल्कि जब प्राथमिक प्रदूषक आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया करते हैं तब वे वायु में निर्मित होते हैं। जमीनी स्तर की ओज़ोन द्वितीयक प्रदूषक का प्रमुख उदाहरण है जो धूम-कोहरा (स्मॉग) बनाती है। 

3. वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्च 2019 में प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में  लगभग 88 लाख लोगों की असमय मौत होती है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में अस्थमा से अधिक मौतें होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, खाँसी, अस्थमा और श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों का बिगड़ना शामिल हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण खराब हुई वायु गुणवत्ता के मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन मुख्य रूप से शरीर की श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली पर अधिक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषकों के प्रति व्यक्ति विशेष पर पड़ने वाला असर संपर्क में आने वाले प्रदूषक के प्रकार, उस वातावरण में बिताए गए समय, व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है।   

4. वायु प्रदूषण के नियंत्रण के उपाय क्या हैं?

वायु प्रदूषण रोकने के उपाय कई तरह के हो सकते हैं। वायु प्रदूषण रोकने कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं-

  • पेड़-पौधे वातावरण की कार्बन डाई ऑक्साइड को खींचकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के सबसे अहम उपायों में से एक है बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाना।

  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और कड़ाई से इसका पालन किया जाना चाहिए। जंगलों में लगने वाली आग के त्वरित नियंत्रण के उपाय किए जाएँ।

  • जीवाश्म ईंधन के वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए।

  • कल-कारखानों में प्रदूषण मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

  • वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार गतिविधियों को सीमित या बंद किया जाए।

  • नागरिकों को वायु प्रदूषण के नुकसान, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों और इन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना।

  • प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को शहर और रिहायशी इलाकों से दूर रखना।

  • ऐसी तकनीकों का उपयोग करना जिससे कम से कम धुँआ उत्सर्जित हो।

5. व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपाय क्या हो सकते हैं?

छोटे-छोटे व्यक्तिगत प्रयास भी वायु प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएँगे। सभी को पर्यावरण प्रदूषण रोकने और वायु प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका को समझना होगा और उसका ईमानदारी के साथ निर्वहन करना होगा। वायु प्रदूषण नियंत्रण के कुछ व्यक्तिगत उपाय नीचे दिए गए हैं- 

  • अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना।
  • पेड़ों, बाग-बगीचों को नुकसान न पहुँचाएँ और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें।
  • छोटे-मोटे आयोजन कर आस-पास वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास करने वालों को प्रोत्साहित और पुरस्कृत करना।
  • नागरिकों को वायु प्रदूषण के नुकसान, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों और इन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना।
  • वैकल्पिक ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए आदि।



6. प्रदूषण का क्या अर्थ है?

प्रदूषण का अर्थ है -'वायु, जल, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना', जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारितन्त्र|पारिस्थितिक तन्त्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं। वर्तमान समय में पर्यावरणीय अवनयन का यह एक प्रमुख कारण है।

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