JEE Main Important Physics formulas
ApplyAs per latest 2024 syllabus. Physics formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters
जन्माष्टमी भाषण - सनातन धर्म में कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म दुनिया को बुराई से बचाने और सभी परेशानियों को कम करने के लिए हुआ था। भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव को जन्माष्टमी के रूप में देश भर में मनाया जाता है। कहा जाता है कि जन्माष्टमी सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है; भगवान कृष्ण की शिक्षाएं हमारे दैनिक जीवन में हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी और हमें बेहतर इंसान बनने में मदद करेंगी। जन्माष्टमी पर भक्त उपवास करते हैं और भक्ति और पूजा के कार्यों में व्यस्त होते हैं, जैसे प्रार्थना और भजन पाठ, भक्ति गीत गाना और भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करना आदि। जन्माष्टमी को रात 12 बजे नंद घर आनंद भयो... की गूंज से मंदिरों, मोहल्लों में भक्ति की एक अलग रस का संचार करती है जिसमें श्रीकृष्ण भक्त झूमते रहते हैं।
शिक्षक दिवस पर निबंध | हिंदी निबंध | हिंदी दिवस पर भाषण | हिंदी दिवस पर कविता |
भगवान कृष्ण भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर अराध्य देव के तौर पर जाने जाने जाते हैं। महाभारत युद्ध के दौरान पांडव पुत्र अर्जुन को रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने जो ज्ञान दिया था वह भगवत गीता में बताया गया है। गीता में ऐसी बहुत सी बातें हैं जो मनुष्य को जीवन की कई कठिनाइयों को आसान बनाती हैं। इतना ही नहीं गीता पढ़ने पर मनुष्य को बहुत सी नई जानकारियां भी मिलती हैं। भगवत गीता (Bhagwat Geeta) के संदेश आज मानव जीवन का सार बन गए हैं।
श्रीकृष्ण की लीलाओं की कहानियां लोगों को इतनी भाती हैं कि श्रीकृष्ण लीला पर कई टीवी सीरियल के साथ फिल्में भी बना चुकी हैं। श्रीकृष्ण की कहानियां देखते सुनते हुए लोग मथुरा, वृंदावन जाने के लिए आज भी व्याकुल हो जाते हैं। मथुरा स्थित मंदिर में जन्माष्टमी की धूम देखते ही बनती है।
जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी और अष्टमी रोहिणी के नाम से भी जाना जाता है। यह हर वर्ष मनाया जाने वाला हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू चंद्र माह भाद्रपद (अगस्त/सितंबर) के आठवें दिन (अष्टमी) को मनाया जाता है। लोग दही हांडी अनुष्ठान में भाग लेते हैं, जिसमें लोगों की टीमें दही से भरे मिट्टी के बर्तन तक पहुंचने और उसे तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाती हैं, जो मक्खन के बर्तन को तोड़ने का प्रतीक है और माना जाता है कि शिशु कृष्ण ने बचपन में माखन चुराया था।
जन्माष्टमी, जिसे कृष्णाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया भर में बहुत महत्व का दिन है।
यह भगवान कृष्ण की जयंती का स्मरण कराता है।
भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं।
भगवान कृष्ण का जन्म दुनिया को बुराई से बचाने और सभी परेशानियों को कम करने के लिए हुआ था। उनका जन्म शिक्षक, गुरु, प्रेमी, देवता, मित्र आदि विभिन्न भूमिकाएं निभाने के लिए हुआ था।
कृष्ण बचपन में माखन चुराते हुए दिखाए जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें माखन चोर के नाम से भी जाना जाता है।
यह त्यौहार हिंदू चंद्र महीने के भाद्रपद कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है।
कृष्ण ने मथुरा के राजा कंस का वध किया और भक्तों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई।
"श्रीमद्भगवदगीता" के माध्यम से भगवान कृष्ण ने सर्वोच्च ज्ञान दिया।
कृष्ण जन्माष्टमी पर, लोग कृष्ण मंदिरों में पूजा और प्रार्थना करने के लिए उमड़ते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी पर, कई लोग पूरी तरह से उपवास करते हैं, जबकि कुछ अन्य लोग फल खाते हैं।
जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण को हिंदू भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है।
कृष्ण जन्माष्टमी भारत में हिंदू माह भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
मथुरा, वृन्दावन और वैष्णव क्षेत्रों की रास लीला एक विशिष्ट परंपरा है। रास लीला के मंचन में कृष्ण की युवावस्था को दर्शाया जाता है। मक्खन के ऊंचे लटके हुए बर्तन तक पहुंचना और उसे तोड़ना भी एक परंपरा है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में लोग उपवास रहते हैं। पूजा करते हैं। गोकुलाष्टमी पर तमिलनाडु में भव्य उत्सव मनाया जाता है।
जन्माष्टमी, जिसे मुंबई और पुणे में दही हांडी के नाम से भी जाना जाता है। इसे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। शहर भर में हांडियां रखी जाती हैं और गोविंदा के नाम से जाने जाने वाले युवाओं के समूह जगह-जगह घूमते हैं, दिन के दौरान जितना संभव हो उतनी हांडियों को तोड़ने का प्रयास करते हैं। गुजरात, जहां द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर है, इसे धूमधाम और उत्साह के साथ मनाता है।
पूर्वी राज्य ओडिशा, पुरी के आसपास और पश्चिम बंगाल में नबद्वीप में लोग आधी रात को उपवास और पूजा करते हैं। पुराण प्रवचन भागवत पुराण के 10वें स्कंध से किया जाता है, जो भगवान कृष्ण की लीलाओं से संबंधित है। नंद उत्सव या नंद महाराज और यशोदा महारानी का उत्सव उत्सव, अगले दिन होता है। लोग अपना उपवास तोड़ते हैं और उस दिन के शुरुआती घंटों के दौरान विभिन्न पके हुए व्यंजन पेश करते हैं।
जन्माष्टमी हिंदूओं का एक प्रमुख व्रत व त्योहार है जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार, भगवान श्री कृष्ण वासुदेव के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। यह पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। जन्माष्टमी हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाई जाती है, जो अगस्त या सितंबर में आती है।
जन्माष्टमी का एक समृद्ध इतिहास है। इस दिन, भगवान कृष्ण का जन्म भारत के वर्तमान राज्य उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। भगवान कृष्ण देवकी और वासुदेव के आठवें पुत्र थे, जिन्हें कृष्ण के जन्म के समय मथुरा के दुष्ट राजा 'कंस' ने कैद कर लिया था। भगवान कृष्ण के पिता वासुदेव ने नवजात कृष्ण को देवकी के दुष्ट भाई कंस से बचाने के लिए अपने चचेरे भाई नंद को सौंप दिया था। श्रीकृष्ण गोकुल परिवार में पले-बढ़े। समय के साथ श्रीकृष्ण मजबूत होते गए और दुष्ट कंस का वध कर दिया।
जन्माष्टमी अच्छे कर्मों को प्रेरित करती है और इसे बुराई के उन्मूलन के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह हमें राक्षसों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। सुखी और समृद्ध जीवन जीने के लिए व्यक्ति को भगवान कृष्ण की शिक्षाओं और सुझावों का पालन करना चाहिए।
भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली अवतार थे। भगवान कृष्ण का जन्म दुनिया को बुराई से छुटकारा दिलाने के लिए हुआ था। कृष्ण ने सकारात्मक कर्म और भक्ति सिद्धांत के बारे में उपदेश देते हुए महाभारत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूरी दुनिया में हिंदू बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी मनाते हैं। भारत में जन्माष्टमी को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जिनमें अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती, कृष्णाष्टमी, सातम आठम और गोकुलाष्टमी शामिल हैं। इस पवित्र दिन पर, हिंदू उपवास करते हैं और भगवत गीता के श्लोकों का पाठ करते हैं।
हमारे समाज में हर साल जन्माष्टमी अत्यधिक उत्साह के साथ मनाई जाती है। समग्र रूप से माहौल् को सुंदर बनाने के लिए लोग रंगीन रोशनी से मंदिरों को विभिन्न रंगों, मालाओं और अन्य सामग्रियों की छोटी विद्युत रोशनी से सजाया जाता है। श्री कृष्ण को माखन खाना बहुत पसंद था इसलिए लोग दही हांडी खेलने का आनंद लेते हैं। दही हांडी कार्यक्रम में बच्चे जोश के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
पिछले वर्ष हमारे मुहल्ले में बहुत अच्छा अनुभव हुआ। जन्माष्टमी कार्यक्रम के दौरान कई मिट्टी के घड़े सड़क से ऊपर बांधे गए थे। इसके तुरंत बाद बच्चों के एक समूह ने बर्तन के नीचे एक मानव पिरामिड बनाया। वे गिरे, लेकिन आखिरकार वे पिरामिड का निर्माण करने में सफल रहे। सबसे छोटा बच्चा ऊपर चढ़ गया और मटकी फोड़कर नीचे सभी को दही में भिगो दिया।
रात में रासलीला का आयोजन हुआ। जिसमें कलाकारों की टोली ने राधा-कृष्ण के प्रेम का मंचन किया। लोग भाव विभोर होकर देखते रहे। आखिर में रंगारंग मंचन के बाद देर रात लोग घर गए।
अमीर हो या गरीब हर कोई इकट्ठा होता है और इस कार्यक्रम में गतिविधियों के साथ भाग लेता है। जन्माष्टमी दोस्तों, परिवारों और पड़ोसियों के साथ मनाई जाती है। लोग इकट्ठा होते हैं, गाते हैं, नृत्य करते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। युवा लोग समाज के सदस्यों द्वारा आयोजित समारोहों में भाग लेते हैं।
आइए हम भगवान कृष्ण के मार्ग पर चलने का प्रयास करें और बेहतर व्यक्ति, समाज के बेहतर सदस्य और दुनिया के बेहतर नागरिक बनें। आइए हम अपने जीवन में आशीर्वाद के लिए आभारी होना और अपने आस-पास के सभी लोगों के प्रति दयालु और दयालु होना भी याद रखें।
जन्माष्टमी सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है; भगवान कृष्ण की शिक्षाएं हमारे दैनिक जीवन में हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी और हमें बेहतर इंसान बनने में मदद करेंगी।
करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :
महत्वपूर्ण प्रश्न :
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024 कब है?
अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 27 अगस्त को सुबह 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा।
ये भी पढ़ें :
महत्वपूर्ण प्रश्न :
जन्माष्टमी के बारे में क्या लिखें?
हर वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। द्वापर युग में इसी तिथि को आधी रात में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ज्योतिष गणना के अनुसार यह भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है। इस दिन लोग उपवास करते हैं। मथुरा-वृंदावन में बड़ी धूमधाम से श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। देश के अलग-अलग शहरों में भी इस दिन मंदिरों में रौनक रहती है। लोग पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। रात में कई जगह रासलीला का मंचन होता है।
जन्माष्टमी का संदेश क्या है?
जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी में मनाया जाता है, जो अधर्म पर धर्म की विजय और प्रेम, भक्ति, और ज्ञान का संदेश देता है। भगवान कृष्ण ने दुष्ट राजा कंस का वध कर प्रजा को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं?
भगवान कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में देश-विदेश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को भगवान कृष्ण के भक्त बहुत भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस त्योहार को देवत्व, प्रेम और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में भी जाना है। देश-विदेश के इस्कॉन मंदिरों को सजाया जाता है। वहां विशेष पूजा होती है और जन्मोत्सव का भव्य आयोजन होता है।
As per latest 2024 syllabus. Physics formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters
As per latest 2024 syllabus. Chemistry formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters
Accepted by more than 11,000 universities in over 150 countries worldwide
Register now for PTE & Unlock 20% OFF : Use promo code: 'C360SPL20'. Valid till 31st DEC'24! Trusted by 3,500+ universities globally
As per latest 2024 syllabus. Study 40% syllabus and score upto 100% marks in JEE
As per latest 2024 syllabus. Maths formulas, equations, & theorems of class 11 & 12th chapters