हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas Poem)
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हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas Poem)

Alok MishraUpdated on 23 Sep 2025, 11:43 AM IST

हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas Poem) : भारत की संविधान सभा (constituent assembly) द्वारा 14 सितंबर 1949 को हिंदी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा (Official Language) घोषित किया गया था। इस महत्वपूर्ण घटना के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को देश भर में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ाने और इसके महत्व पर प्रकाश डालने के लिए राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Diwas) मनाया जाता है। हिंदी भाषा का सम्मान करने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। ध्यान रहे कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
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हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas Poem)
हिंदी दिवस कविता

हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत राष्ट्रभाषा प्रचार समिति (Rashtrabhasha Prachar Samiti) के अनुरोध पर साल 1953 से हुई थी। हिन्दी दिवस के दौरान सरकारी कार्यालयों और सरकारी एवं निजी दोनों में कई प्रकार के कार्यक्रम होते हैं। इस दिन विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिंदी के उपयोग करने आदि की बात पर बल दिया जाता है। इस दौरान कई जगहों पर हिन्दी निबंध लेखन, हिंदी कविता पाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिता और हिन्दी टंकण प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाती है। ऐसे में कई लोग हिंदी दिवस पर कविता की तलाश में रहते हैं। यदि आप भी उनमें से एक हैं, तो समझिए कि आपकी यह तलाश अब खत्म हो चुकी है क्योंकि हिंदी दिवस पर कविता विशेष इस लेख में आपको हिंदी दिवस पर आधारित कुछ बेहतरीन कविता मिल जाएगी।

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सांस्‍कृतिक व भाषाई विविधता से भरे भारत देश में - पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण के बीच, सदियों से, कई भाषाओं ने संपर्क बनाए रखने का काम किया है। हिंदी इसमें सबसे प्रमुख भाषाओं में से एक रही है और हिंदी भाषा के योगदान को समय-समय पर सराहा भी गया है। इसके अलावा हिंदी ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया है। हिंदी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय से राष्ट्रीय एकता और अस्मिता का प्रभावी व शक्तिशाली माध्यम रही है। हिंदी की सबसे बड़ी शक्ति इसकी वैज्ञानिकता, मौलिकता, सरलता, सुबोधता और स्‍वीकार्यता भी है। हिंदी को जन-जन की भाषा भी कहा गया है।

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हिंदी भाषा के प्रमुख कवि (Famous Poets of Hindi Language)

हिन्दी में कवियों की परंपरा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी भाषा के प्रमुख कवि एवं कवियत्रियाँ इस प्रकार हैं: संत कबीर, मीरा बाई, सूरदास, तुलसीदास, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, अमीर ख़ुसरो, नागार्जुन, महादेवी वर्मा, मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, रामधारी सिंह 'दिनकर', सुभद्रा कुमारी चौहान, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', काका हाथरसी, अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', अटल बिहारी वाजपेयी, कुँवर बेचैन, गोपालदास नीरज, जयशंकर प्रसाद, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन आदि हैं। इन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी भाषा को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है।

जानिए कि हिंदी दिवस पर कौन सी कविताएं पढ़नी चाहिए? - हिंदी भाषा की उन्नति के लिए इसके विविध रूपों को समान रूप से प्रचारित एवं प्रसारित करना होगा। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन स्थल पर कविता अवश्य पढ़नी चाहिए। हिंदी दिवस कविता पर लिखे गए इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताएँ प्रस्तुत कर रहे है जिन्हें आप हिंदी दिवस (Hindi Day) के अवसर पर प्रयोग करके हिंदी का मान बढ़ा सकते हैं। आइए जानें कि हिंदी दिवस पर जन मानस की चेतना पर प्रभाव डालने के लिए किन कविताओं को पढ़ना चाहिए।

1. आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की इन पंक्तियों का महत्व हिंदी दिवस पर बहुत ज्यादा है।

भारतेन्दु हरिश्चंद्र जी कहते हैं-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन

पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।


उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय

निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।

निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय

लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।


इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग

तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।

और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात

निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।


तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय

यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।

विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार

सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।


भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात

विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।

सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय

उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।


2. इस कड़ी में अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा रचित एक विशेष कविता को हिंदी दिवस पर पढ़ा जा सकता है। हिंदी दिवस कविता (Hindi Diwas Poem) के दिन यह कविता हिंदी भाषा के महत्व को काफी बढ़ा देती है।

गूंजी हिन्दी विश्व में,

स्वप्न हुआ साकार;

राष्ट्र संघ के मंच से,

हिन्दी का जयकार;

हिन्दी का जयकार,

हिन्दी हिन्दी में बोला;

देख स्वभाषा-प्रेम,

विश्व अचरज से डोला;

कह कैदी कविराय,

मेम की माया टूटी;

भारत माता धन्य,

स्नेह की सरिता फूटी!


3. हिंदी भाषा के मर्मज्ञ एवं प्रसिद्ध कवि, नाटककार और समालोचक गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित यह कविता हिंदी दिवस पर प्रस्तुत की जा सकती है।

एक डोर में सबको जो है बांधती

वह हिंदी है

हर भाषा को सगी बहन जो मानती

वह हिंदी है।

भरी-पूरी हों सभी बोलियां

यही कामना हिंदी है,

गहरी हो पहचान आपसी

यही साधना हिंदी है,

सौत विदेशी रहे न रानी

यही भावना हिंदी है,

तत्सम, तद्भव, देशी, विदेशी

सब रंगों को अपनाती

जैसे आप बोलना चाहें

वही मधुर, वह मन भाती


4. हिंदी के आधुनिक कवि सुनील जोगी द्वारा रचित कविता भी हिंदी दिवस पर प्रस्तुत की जा सकती है।

हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है

हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।


हिंदी हमारी वर्तनी हिंदी हमारा व्याकरण

हिंदी हमारी संस्कृति हिंदी हमारा आचरण


हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारा गान है।

हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।


हिंदी हमारी आत्मा है भावना का साज़ है।

हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है।


5. अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हिंदी भाषा के कवि, निबन्धकार तथा सम्पादक थे। हरिऔध जी द्वारा रचित यह कविता हिंदी दिवस पर जरूर पढ़ी जानी चाहिए।

पड़ने लगती है पियूष की शिर पर धारा।

हो जाता है रुचिर ज्योति मय लोचन-तारा।

बर बिनोद की लहर हृदय में है लहराती।

कुछ बिजली सी दौड़ सब नसों में है जाती।

आते ही मुख पर अति सुखद जिसका पावन नाम ही

इक्कीस कोटि-जन-पूजिता हिन्दी भाषा है वही।


6. सरल और सहज भाषा में लिखी गई त्रिभुवन शर्मा जी की रचना भी आपकी हिंदी दिवस कविता की तलाश को पूरा कर सकती है। राजभाषा हिंदी के बारे में लिखे गए इनके भाव प्रशंसनीय हैं।

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7. आपकी हिंदी दिवस कविता की तलाश में हिंदी की वर्तमान स्थिति की ओर संकेत करती रचनाओं को भी जगह देना तो बनता ही है। योगेश कुमार सिंह की रचना से इसमें मदद मिल सकती है। योगेश की हिंदी दिवस कविता के अंश आप नीचे देख सकते हैं-Present-condition-of-Hindi-Poem-Yogesh-kumar-Singh_BttArHZ


8. गोपाल सिंह नेपाली की यह कविता हिंदी और हिंदी को बढ़ावा देने के बारे में चर्चा करती है।

दो वर्तमान का सत्य सरल,

सुंदर भविष्य के सपने दो

हिंदी है भारत की बोली

तो अपने आप पनपने दो


यह दुखड़ों का जंजाल नहीं,

लाखों मुखड़ों की भाषा है

थी अमर शहीदों की आशा,

अब जिंदों की अभिलाषा है

मेवा है इसकी सेवा में,

नयनों को कभी न झंपने दो

हिंदी है भारत की बोली

तो अपने आप पनपने दो

- गोपाल सिंह नेपाली


9. प्रसिद्ध कवि मैथिलीशरण गुप्त का हिंदी के बारे में विचार-

मेरी भाषा में तोते भी राम राम जब कहते हैं,

मेरे रोम रोम में मानो सुधा-स्रोत तब बहते हैं ।

सब कुछ छूट जाय मैं अपनी भाषा कभी न छोड़ूंगा,

वह मेरी माता है उससे नाता कैसे तोड़ूंगा ।।


10. डॉ. जगदीश व्योम की भाल का शृंगार कविता

मां भारती के भाल का शृंगार है हिंदी

हिंदोस्तां के बाग़ की बहार है हिंदी

घुट्टी के साथ घोल के मां ने पिलाई थी

स्वर फूट पड़ रहा, वही मल्हार है हिंदी


तुलसी, कबीर, सूर औ' रसखान के लिए

ब्रह्मा के कमंडल से बही धार है हिंदी

सिद्धांतों की बात से न होयगा भला

अपनाएंगे न रोज़ के व्यवहार में हिंदी


कश्ती फंसेगी जब कभी तूफ़ानी भंवर में

उस दिन करेगी पार, वो पतवार है हिंदी

माना कि रख दिया है संविधान में मगर

पन्नों के बीच आज तार-तार है हिंदी


सुन कर के तेरी आह 'व्योम' थरथरा रहा

वक्त आने पर बन जाएगी तलवार ये हिंदी


11. कवि मैथिलीशरण गुप्त की हिंदी दिवस पर कविता

करो अपनी भाषा पर प्यार।

जिसके बिना मूक रहते तुम, रुकते सब व्यवहार ।।

जिसमें पुत्र पिता कहता है, पतनी प्राणाधार,

और प्रकट करते हो जिसमें तुम निज निखिल विचार ।

बढ़ायो बस उसका विस्तार ।

करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

भाषा विना व्यर्थ ही जाता ईश्वरीय भी ज्ञान,

सब दानों से बहुत बड़ा है ईश्वर का यह दान ।

असंख्यक हैं इसके उपकार ।

करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

यही पूर्वजों का देती है तुमको ज्ञान-प्रसाद,

और तुमहारा भी भविष्य को देगी शुभ संवाद ।

बनाओ इसे गले का हार ।

करो अपनी भाषा पर प्यार।।

हिंदी दिवस कोट्स (Hindi Diwas Quotes in Hindi)

1.

हम सब का अभिमान हैं हिन्‍दी

भारत देश की शान हैं हिन्‍दी

2.

हिंदी है भारत की आशा

हिंदी है भारत की भाषा

हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

3.

भारत मां के भाल पर सजी स्वर्णिम बिंदी हूं,

मैं भारत की बेटी आपकी अपनी हिंदी हूं।

4.

हमारी एकता और अखंडता ही हमारे देश की पहचान है,

हिंदुस्तान हैं हम और हिंदी हमारी जुबान है।

5.

अपने वतन की सबसे प्यारी भाषा

हिंदी जगत की सबसे न्यारी भाषा

6.

भारत देश की आशा है, हिंदी अपनी भाषा है,

जात-पात के बंधन को तोड़े, हिंदी सारे देश को जोड़े।

7.

अभिव्यक्ति की खान है, भारत का अभिमान है,

हिंदी दिवस हिंदी भाषा के लिए एक अभियान है!

8.

विविधताओं से भरे इस देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है,

इनमें हमको सबसे प्यारी हिंदी मातृभाषा हमारी है।

9.

हिंदी दिवस पर हमने ठाना है

लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है,

हम सब का अभिमान है हिंदी

भारत देश की शान है हिंदी।

10.

हिंदी को आगे बढ़ाना है,

उन्नति की राह पर ले जाना है,

केवल एक दिन ही नहीं,

हमें नित हिंदी दिवस मनाना है,

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

हिंदी दिवस पर शायरी (Hindi Diwas Shayari in Hindi)

1.

प्यार मोहब्बत भरा है जिसमें

जिससे जुड़ी हर आशा है

मिश्री से भी मीठी है

वो हमारी हिंदी भाषा है।

2.

हिंदी को आगे बढ़ाना है,

उन्नति की राह पर ले जाना है

केवल एक दिन ही नहीं,

हमें नित हिंदी दिवस मनाना है !

3.

वक्ताओं की ताकत भाषा

लेखक का अभिमान हैं भाषा

भाषाओं के शीर्ष पर बैठी

मेरी प्यारी हिंदी भाषा !

4.

हिंदी की बिंदी, पोते की शान,

इसके बिना अधूरा है हिंदुस्तान।”

अपनी भाषा पर करो गर्व,

हिंदी है हमारी संस्कृति का पर्व।

5.

हिन्दी है हमारी पहचान,

स्थान है ऊंचा स्थान।”

बोलेगा जब सारा भारत हिंदी,

बनेगा हमारा देश महान।

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