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शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi) - एक छात्र के जीवन पर उनके शिक्षक का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही शिक्षक देश के भविष्य छात्रों के साथ-साथ राष्ट्र के निर्माण का मार्ग भी तैयार करते हैं। राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनको सम्मान देने के लिए ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है। एक रोचक बात यह है कि गुरु शिष्य परंपरा के लिए विख्यात इस देश में सबसे पहले शिक्षक दिवस वर्ष 1962 में मनाया गया था। साल 1962 में पहले शिक्षक दिवस समारोह के बाद से यह दिन एक राष्ट्रीय परंपरा के रूप में विकसित हो गया। इस दिन कई स्कूलों और संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं और छात्र इसे मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं। इन्हीं गतिविधियों में से एक गतिविधि शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi) देना भी शामिल है।
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अपने शिक्षकों के प्रति अपने विचारों को शिक्षक दिवस के अवसर पर बोलकर प्रकट करना ही शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech in Hindi) देना है। पर कुछ छात्र भाषण देने के नाम से ही डर जाते हैं, मंच पर खड़े होकर शिक्षक दिवस पर भाषण के जरिए अपने विचार प्रकट करना ऐसे छात्रों के दुष्कर हो जाता है। वहीं शिक्षक दिवस पर संबोधन (Shikshak diwas par sambodhan) करने को उत्सुक छात्रों यह कोशिश होती है कि वो शिक्षक दिवस पर भाषण कुछ इस तरह दे कि उसके शिक्षक उससे प्रभावित हो जाएँ। ऐसे में उनकी कोशिश यह भी रहती है कि वे किसी भी अन्य के मुक़ाबले सबसे बेहतर शिक्षक दिवस पर भाषण (best speech on teachers day in hindi) तैयार करें। मगर हिन्दी भाषा पर कमजोर पकड़ या फिर शिक्षक दिवस के बारे में अल्प जानकारी की वजह से कई छात्र सबसे बेहतर शिक्षक दिवस पर भाषण (best speech on teachers day in hindi) तो दूर, शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) ही नहीं लिख पाते हैं।
यही वजह है कि शिक्षक दिवस के नजदीक आते ही इंटरनेट पर शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi), सबसे बेहतर शिक्षक दिवस पर भाषण (best speech on teachers day in hindi), टीचर्स डे स्पीच अंग्रेजी और हिन्दी में (teacher's day speech hindi and english / teachers day speech hindi and english) आदि जैसे सर्च बढ़ जाते हैं। छात्रों के इस ऊहापोह की स्थिति को देखते हुए ही Careers360 के इस लेख में हमने शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par bhashan) से संबंधित कुछ सैंपल भाषण प्रदान किए हैं जी निश्चित तौर पर शिक्षक दिवस पर भाषण (teacher's day speech in hindi) संबंधी आपकी सभी दुविधाओं को दूर करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमारी इस कोशिश के माध्यम से आप शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने शिक्षकों के सामने सबसे बेहतर शिक्षक दिवस पर भाषण (best speech on teachers day in hindi) देकर सभी का मन मोह सकते हैं।
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आपको बता दें कि शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par bhashan) देने के लिए विषय की गहन समझ तथा आपके शिक्षक ने आपके लिए क्या किया है, इसकी जानकारी होना छात्रों को बेहद ही आवश्यक है। शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par bhashan) देने से पहले अपने प्रिय शिक्षक के व्यक्तित्व के बारे में थोड़ी जानकारी जुटा लेने से आप अपने शिक्षक दिवस भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) को अन्य के मुक़ाबले और भी बेहतर व रोचक बना सकते हैं। नीचे शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par bhashan) के कुछ उदाहरण दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण लेख :
शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। भारत के दूसरे राष्ट्रपति और सर्वश्रेष्ठ शिक्षक. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस सभी शैक्षणिक प्रतिष्ठानों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और यह सभी सम्मानित शिक्षकों के समस्याग्रस्त कार्यों और शिक्षाओं का सम्मान करता है।
हम हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। यह दिन पूरे भारत में हमारे शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। यह महान विद्वान सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। हमारे शिक्षक पूरे वर्ष काम करते हैं और ज्ञान फैलाते हैं और हमें दिशा दिखाकर और महत्वपूर्ण जीवन सबक देकर जीवन के विभिन्न चरणों में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। वे हमें जीवन में सफल होने में मदद करते हैं। इसलिए, उनकी और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करने के लिए, हम शिक्षक दिवस मनाते हैं और हमें अच्छे इंसान और हमारे देश के नागरिक बनाने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। शिक्षक दिवस मनाने के लिए, स्कूल कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जहाँ छात्र शिक्षकों के लिए सम्मान प्रदर्शन करते हैं और छोटे-छोटे उपहार देते हैं।
शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को पूरे भारत में मनाया जाता है। पांच सितंबर को महान विद्वान और शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। अपने बाद के जीवन में वे भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति और फिर भारत के राष्ट्रपति बने। पूरे देश में छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए इस दिन को मनाते हैं। सच ही कहा गया है कि शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ होते हैं। वे छात्रों के चरित्र निर्माण और उन्हें भारत के आदर्श नागरिक बनने के लिए आकार देने में महान भूमिका निभाते हैं। हालांकि, यूनेस्को ने औपचारिक रूप से 1994 में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया।
भाषण देने की एक खास शैली होती है। एक अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ यह भी माने रखता है कि आपने अपने भाषण की शुरुआत किस तरह की है। सिर्फ शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) ही नहीं, किसी भी भाषण की शुरुआत हमेशा मंच पर मौजूद सम्मानित व्यक्तियों/अथितियों व अन्य गणमान्य लोगों के साथ-साथ श्रोताओं का अभिनंदन करते हुए करें।
उदाहरण के लिए : मंच पर विराजमान अतिथि गण, प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण व श्रोताओं के बीच विराजमान अभिभावक व समस्त श्रोताओं को मेरा प्रेम भरा नमस्कार।
अभिनंदन के बाद अपने शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hind) की शुरुआत करें।
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मनुष्य के जीवन में ज्ञान का बहुत अधिक महत्व है। ज्ञान के माध्यम से ही मनुष्य अपने समाज तथा अन्य चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाता है। यह ज्ञान केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है, अपितु जीवन जीने का तरीका, संस्कार, मानव मूल्य, विचार करने की क्षमता तथा कठिनाइयों का सामना करने का साहस आदि भी इस ज्ञान के भीतर समाहित है। एक मानव तभी पूर्ण हो पाता है जब उसके भीतर ये गुण निहित हो। मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है, उसके जीवन में इस माध्यम का कार्य शिक्षक करता है। इसलिए कहा जाता है कि -
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः
मानव की सबसे पहली शिक्षक उसकी माता होती है, जो एक बच्चे को चलना सिखाने से लेकर, बढ़े होने तक मानव मूल्यों और संस्कार की जानकारी प्रदान करती है। माता के साथ ही पिता उसे जीवन में कैसे संघर्ष करना है तथा जीवन संघर्ष के साथ अपने परिवार का ध्यान कैसे रखना है कि शिक्षा प्रदान करता हैं। यदि ये कहा जाये कि मनुष्य के माता-पिता ही उसके पहले गुरु है, तो इसमें कोई संदेह न होगा। इसके पश्चात मनुष्य स्कूल में जाता है, जहां परंपरागत शिक्षा प्राप्त करता है। विद्यालय में परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ जीवन में आगे चलकर काम आने वाली वास्तवविक शिक्षा का भी बोध करवाया जाता है। इस शिक्षा को एक गुरु के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। छात्र एक ढीली मिट्टी के समान होते हैं, उन्हें कुम्हार की आकार देना एक शिक्षक का ही कार्य है। इसलिए ही संत कबीर दास जी ने कहा है-
गुरू कुम्हार शिष कुंभ है, गढि-गढि काढै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।
गुरु द्वारा प्रदान की गई शिक्षा, अनुभव, ज्ञान तथा संस्कार के प्रति कृतज्ञता दर्शाने के लिए हमारे देश में हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। हमारे देश में शिक्षक दिवस की शुरुआत 5 सितंबर 1962 को की गई थी। यह दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। एक बार डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी, के छात्रों ने उनके जन्मदिवस मनाने की जिद्द की थी, तब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए कहा था। तब से ये दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन देश के सभी शिक्षको को उनके योगदान के लिए समर्पित किया जाता है।
नोट : ऊपर दी गई पंक्तियों के साथ अपने शिक्षक दिवस पर भाषण (techarch day speech in hindi) की शुरुआत करने के बाद आप इस लेख में दिए गए शिक्षक दिवस पर भाषण (teacher's day speech in hindi) के दो रूप यानी शिक्षक दिवस पर लघु भाषण (short speech on teacher's day in hindi) व शिक्षक दिवस पर दीर्घ भाषण (long speech on teacher's day) में से किसी भी एक का अपनी सुविधा व श्रोताओं की रुचि अनुसार चयन कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण लेख :
हम सभी के लिए शिक्षक दिवस एक बहुत ही यादगार अवसर है। यह उन शिक्षकों को याद करने और उन्हें धन्यवाद देने का दिन है जिन्होंने हमारे जीवन को ढालने में मदद की है। शिक्षक उचित मार्गदर्शक और सलाहकार होते हैं जो हमें एक इंसान के रूप में विकसित होने में मदद करते हैं। वे हमें कठिन प्रयास और समर्पण के साथ-साथ जीवन के नैतिक सिद्धांतों का मूल्य भी सिखाते हैं। अपने शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करने के लिए, हम दुनिया भर में शिक्षक दिवस मनाते हैं। इस दिन बच्चे अपने शिक्षकों के प्रति प्रशंसा और स्नेह दर्शाते हैं।
भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वह एक दार्शनिक, शिक्षाविद और राजनेता थे जिन्हें भारत के अब तक के सबसे महान शिक्षकों में से एक माना जाता है।
डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा के प्रबल समर्थक थे और उनका मानना था कि शिक्षक किसी राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका मानना था कि शिक्षकों को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका समाज में उनके योगदान का जश्न मनाना है। शिक्षा में उनके योगदान को पहचानने और उनके सम्मान में, भारत सरकार ने 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया।
ज्ञान प्रदान करने के अलावा, शिक्षक हमें नैतिक मूल्यों, अनुशासन और शिष्टाचार विकसित करने में भी मदद करते हैं। वे हमें नैतिक जीवन जीना और जिम्मेदार नागरिक बनना सिखाते हैं। शिक्षकों का महत्व मेरे जैसा तुच्छ प्राणी अपने शब्दों में संजो पाए, ये असंभव जैसा कार्य है। सीधे शब्दों में कहें तो शिक्षकों का हमारे जीवन में इतना योगदान है कि उसे एक मंच से और सीमित शब्दों में बयां कर पाना नामुमकिन है। इस भाषण को लिखने में इस्तेमाल किया गया पहला अक्षर, मेरे मुंह से फूटे पहले शब्द से लेकर इस भाषण में कहा जा रहा प्रत्येक वाक्य सिर्फ इसलिए सार्थक हैं क्योंकि मेरे शिक्षकों ने मुझे इस लायक बनाया। आप और मैं, हमसब अपने शिक्षकों के ऋणी हैं और हमेशा रहेंगे। हमें उनके द्वारा प्राप्त ज्ञान, गुण व आचरण अनमोल हैं, जिसके लिए हम उनका एहसान कभी नहीं चुका पाएंगे इसलिए ही तो कहा गया है,
शिक्षक जलते दीप सा, शिक्षा उसका नूर।
अंधकार अज्ञान का, करते ज्ञान से दूर।।
इसी के साथ मैं अपने तमाम शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए, अपनी वाणी को विराम देता हूँ। धन्यवाद।
महत्वपूर्ण लेख :
मैं शिक्षक दिवस पर आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। अपने विद्यार्थियों के सच्चे शुभचिंतक शिक्षक ही होते हैं। वे हमें जीवन की आवश्यक सीख देकर हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। हमारे जीवन पर शिक्षकों का प्रभाव बहुत गहरा होता है। वे ही हैं जो हमारा नेतृत्व करते हैं और बेहतर इंसान के रूप में हमारे विकास में सहायता करते हैं। वे हमारे जीवन को प्रबुद्ध करते हैं, हमें सोचना सिखाते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ स्वरूप सामने लाने में हमारी मदद करते हैं।
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समाज में शिक्षकों के निस्वार्थ योगदान को पहचानने और उसकी सराहना करने के लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में जाना जाता है। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे शुरुआत में 1962 में प्रख्यात विद्वान, शिक्षक और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्मतिथि को याद करने के लिए मनाया गया था। उन्होंने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। तब से, पूरे देश में, शिक्षक दिवस बड़े उत्साह और जुनून के साथ मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण लेख :
डॉ. राधाकृष्णन के अनुसार, शिक्षक युवाओं को आकार देते हैं, जो आगे चलकर देश के भविष्य को आकार देते हैं। इस कारण से, उन्होंने एक प्रोफेसर के रूप में अपने कर्तव्यों का परिश्रमपूर्वक पालन किया और अपने छात्रों को उपयोगी जानकारी प्रदान की। हमारे देश के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनके छात्र हर साल उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे। डॉ. राधाकृष्णन ने जवाब देते हुए कहा कि अगर वे 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएंगे तो उन्हें खुशी होगी। इसलिए, भारत में हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह शिक्षण पेशे का सम्मान करने का दिन है।
महत्वपूर्ण लेख :
इसी तरह, हर साल 5 अक्टूबर को दुनिया भर में लोग अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाते हैं। इस दिन का उद्देश्य न केवल शिक्षकों के प्रयासों के समुदाय को पहचानना है, बल्कि बच्चों के चरित्र निर्माण में शिक्षकों के महत्व और उनकी कामकाजी परिस्थितियों में बदलाव की गुंजाइश के बारे में जागरूकता फैलाना भी है।
महत्वपूर्ण लेख:
जैसा कुम्हार का मिट्टी के साथ होता है, वैसा ही रिश्ता एक शिक्षक का अपने विद्यार्थीयों के साथ होता हैं। जिस तरह एक कुम्हार मिट्टी को आकार देने के लिए कभी कठोरता तो कभी कोमलता का सहारा लेता है, उसी प्रकार शिक्षक भी एक विद्यार्थी के चरित्र निर्माण के लिए कभी कठोर होते है तो कभी कोमल होते हैं, वह अंततः अपने छात्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ही चाहते हैं।
महत्वपूर्ण लेख :
शिक्षक दिवस का जश्न शुरू करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। शिक्षक और छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेते हैं। इस दिन शिक्षकों को उपहार और फूल दिये जाते हैं। शिक्षक दिवस पर शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) का भी चलन बढ़ा है। कुछ शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) दुकान से खरीदकर अपने प्रिय शिक्षक को भेंट करते हैं वहीं कुछ बच्चे अपने हाथ से बनाकर शिक्षक दिवस कार्ड (teacher day card) उपहारस्वरूप प्रदान करते हैं। छात्र अपने प्रशिक्षकों के प्रति अपनी सराहना दिखाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण (Teacher’s Day Speech in Hindi) भी देते हैं। यह संबोधन हमारे जीवन में शिक्षकों के मूल्य पर जोर देता है और उन सभी उत्कृष्ट शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है जिन्होंने समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस दिन, छात्र, शैक्षणिक संस्थान और सरकार शिक्षकों को श्रद्धांजलि देते हैं और देश के भविष्य को आकार देने के लिए उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को स्वीकार करते हैं। शिक्षकों को उनके छात्रों, सहकर्मियों और वरिष्ठों से उपहार, बधाई और प्रशंसा से सम्मानित किया जाता है। शिक्षक दिवस पर शिक्षक और उनके छात्र एक अनूठा बंधन विकसित करते हैं।
मैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के एक प्रसिद्ध वाक्यांश को उद्धृत करते हुए अपनी बात समाप्त करना चाहूंगा: "शिक्षकों को देश में सबसे अच्छे दिमाग वाले होना चाहिए।"
धन्यवाद
महत्वपूर्ण लेख:
गुरु, हिंदी या संस्कृत में शिक्षक के लिए उपयोग किए जाने वाला शब्द है, इससे तात्पर्य एक ऐसे व्यक्ति से है जो आपका नेतृत्व करता है।
शिक्षकों की तुलना अक्सर जहाज के कप्तान या नाव चलाने वाले से की जाती है जो हमें जीवन में उचित स्थान तक ले जाते हैं।
यदि आप अपने शिक्षकों से मदद मांगेंगे तो वे हमेशा आपकी मदद करेंगे।
भारत ने अपना पहला शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को मनाया।
5 सितंबर को सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। इसे पूरा देश एक त्यौहार के रूप में मनाता है।
विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
इसके अलावा, गुरु पूर्णिमा, जो जून और जुलाई के बीच आती है, शिक्षक दिवस का ही एक रूप है।
यह दिन पूरे भारत में छात्रों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। सम्मान के संकेत के रूप में, छात्र अपनी कक्षाओं में अपने शिक्षकों को उपहार देते हैं।
छात्र आमतौर पर शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का मनोरंजन करने के लिए एक कार्यक्रम रखते हैं।
शिक्षक दिवस कार्यक्रम के लिए अक्सर कई दिनों के अभ्यास और योजना की आवश्यकता होती है।
हम उम्मीद करते हैं कि ऊपर दिए गए शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par bhashan) के माध्यम से शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers day Speech Hindi) से संबंधित आपकी सभी शंकाओं का समाधान हो गया होगा। शिक्षक दिवस भाषण (Hindi Speech on Teacher's Day) के अलावा अन्य निबंध/भाषण को पढ़ने के लिए आप इस लेख में दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
छात्र शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में अपने पसंदीदा टीचर को टीचर डे कार्ड (teacher day card) भी देते है। इस टीचर डे कार्ड (teacher day card) में छात्र अपने टीचर को शुभकामनाएं देते हैं। इसके बदले टीचर बच्चों को आशीर्वाद देते है। इस तरह से अधिकतर स्कूलों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
इन्हें भी देखें :
शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सामने शिक्षकों का समाज में महत्व, भारतीय शिक्षा व्यवस्था व शिक्षकों का उसमें योगदान के साथ-साथ शिक्षकों के सम्मान में भाषण देना चाहिए। भाषण की शुरुआत व उसका अंत हमेशा अभिनंदन के साथ करें। अपने भाषण के बीच में दोहे, शेर व कविताओं का उपयोग कर आप शिक्षक दिवस पर भाषण को और भी सुंदर बना सकते हैं।
भाषण देने की एक खास शैली होती है। एक अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ यह भी माने रखता है कि आपने अपने भाषण की शुरुआत किस तरह की है। सिर्फ शिक्षक दिवस पर भाषण ही नहीं, किसी भी भाषण की शुरुआत हमेशा मंच पर मौजूद सम्मानित व्यक्तियों/अथितियों व अन्य गणमान्य लोगों के साथ-साथ श्रोताओं का अभिनंदन करते हुए करें। उदाहरण के लिए : मंच पर विराजमान अतिथि गण, प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण व श्रोताओं के बीच विराजमान अभिभावक व समस्त श्रोताओं को मेरा प्रेम भरा नमस्कार। इस तरह अभिनंदन करने के बाद अपने शिक्षक दिवस पर भाषण की शुरुआत करें।
शिक्षकों का महत्व मेरे जैसा तुच्छ प्राणी अपने शब्दों में संजो पाए, ये असंभव जैसा कार्य है। सीधे शब्दों में कहें तो शिक्षकों का हमारे जीवन में इतना योगदान है कि उसे एक मंच से और सीमित शब्दों में बयां कर पाना नामुमकिन है। इस भाषण को लिखने में इस्तेमाल किया गया पहला अक्षर, मेरे मुंह से फूटे पहले शब्द से लेकर इस भाषण में कहा जा रहा प्रत्येक वाक्य सिर्फ इसलिए सार्थक हैं क्योंकि मेरे शिक्षकों ने मुझे इस लायक बनाया। आप और मैं, हमसब अपने शिक्षकों के ऋणी हैं और हमेशा रहेंगे।
1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। उन्होंने छात्रों से समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को बताने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। उसे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
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