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गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day Essay in hindi) : 26 January Essay in Hindi 100, 200, 500 शब्द

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day Essay in hindi) : 26 January Essay in Hindi 100, 200, 500 शब्द

Edited By Mithilesh Kumar | Updated on Jan 25, 2025 06:25 PM IST
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गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day Essay in hindi) : गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। भारतीयों के हृदय में गणतंत्र दिवस के प्रति बेहद ही उल्लास रहता है। बच्चों के मन में कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड को देखने का उत्साह देखते ही बनता है। गणतंत्र दिवस परेड में भारत की शक्ति तथा संस्कृति के समायोजन का प्रदर्शन किया जाएगा। ऐसे में हम अपनी जड़ों से जुड़े होने के साथ-साथ वर्तमान में देश की उपलब्धियों का एक चित्र भी देखेंगे। इस वर्ष 76वें गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत के मुख्य अतिथि होंगे।

This Story also Contains
  1. गणतंत्र दिवस पर निबंध 100 शब्द (100 Words Essay on Republic Day in hindi)
  2. गणतंत्र दिवस पर निबंध 200 शब्द (200 Words Essay on Republic Day in hindi)
  3. गणतंत्र दिवस पर निबंध 500 शब्द (500 Words Essay on Republic Day in hindi)
  4. गणतंत्र दिवस का महत्व (Importance of Republic Day in hindi)
  5. गणतंत्र दिवस पर 10 पंक्ति लिखें (Write 10 lines on Republic Day)
गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day Essay in hindi) : 26 January Essay in Hindi 100, 200, 500 शब्द
गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day Essay in hindi) : 26 January Essay in Hindi 100, 200, 500 शब्द

भारत में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह बहुत ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह उस दिन की याद दिलाता है जब भारत ने लोकतंत्र के प्रतीक को तौर पर संविधान को अपनाया और सही मायने में गणतंत्र बना। भारतीय नागरिक इस दिन के महत्व को रेखांकित करने के लिए गणतंत्र दिवस मनाते हैं। ब्रिटिश राज से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने के लगभग तीन साल बाद, 26 जनवरी, 1950 को भारतीयों ने अपना संविधान अपनाते हुए खुद को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया जिसे आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। विद्यार्थी अक्सर यह पूछते हैं कि गणतंत्र दिवस पर निबंध कैसे लिखें। यहां 'गणतंत्र दिवस निबंध' पर कुछ नमूना लेख दिए गए हैं।
गणतंत्र दिवस पर भाषण

Background wave

गणतंत्र दिवस पर निबंध 100 शब्द (100 Words Essay on Republic Day in hindi)

भारत के नागरिक हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह और जुनून के साथ मनाते हैं। इसे संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को जानने के लिए मनाया जाता है। भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसके अतिरिक्त, यह ब्रिटिश शासन से भारत की ऐतिहासिक स्वतंत्रता के बाद देश को गणतंत्र बनने और उसको याद करने और जश्न मनाने का दिन है। भारत ने 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश प्रभुत्व से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी। 200 से अधिक वर्षों तक, ब्रिटिश ने भारत पर शासन किया था।

भारत को स्वतंत्रता तो मिल गई, लेकिन देश के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक सरकार की तत्काल आवश्यकता थी। देश के नागरिक इस दिन देश की आजादी में उनके योगदान के लिए महान नेताओं और स्वतंत्रता योद्धाओं को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध 200 शब्द (200 Words Essay on Republic Day in hindi)

साल 1950 में 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू किया गया था, उस दिन से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन के बाद हमारा देश सही मायने में लोकतांत्रिक गणतंत्र हो गया। महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों और देश की संप्रभुता के लिए लड़ने और अपनी जान देने वाले कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के मेहनत और प्रयास के परिणामस्वरूप भारतीय संविधान को अपनाया गया। यह देश का मौलिक कानून है।

सभी जातियों, धर्मों, रंगों और पृष्ठभूमियों के लोग इस दिन को जबरदस्त उत्साह के साथ एकजुट होकर मनाते हैं। भारतीय सेना इस कार्यक्रम में भाग लेती है और देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित एक बड़ी परेड में इससे जुड़ी भव्यता का प्रदर्शन करती है। राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और नागरिकों द्वारा देश की रक्षा करते हुए अपनी जान देने वाले शहीदों का सम्मान करने के बाद शुरू होने वाली परेड देश के गौरव और जीवंत विविधता को प्रदर्शित करती है।

स्कूलों में गणतंत्र दिवस का जश्न (Celebration of Republic Day in Schools)

गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। जबरदस्त ऊर्जा और उत्साह के साथ छात्र विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। सभी शैक्षणिक संस्थान अन्य चीजों के अलावा निबंध लेखन, भाषण, स्केचिंग और पेंटिंग के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं। छात्र भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों पर नाटक और लघु नाटिका भी प्रस्तुत करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। झंडोत्तोलन के बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाइयां बांटी जाती है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 500 शब्द (500 Words Essay on Republic Day in hindi)

गणतंत्र दिवस देश के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। राष्ट्र ने पहली बार 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया। यह दिन उस दिवस से प्रेरित है जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू को अपना नेता चुना और 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी।

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Indian Republic Day in hindi)

गणतंत्र दिवस का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रभाव है। 15 अगस्त, 1947 को भारतीयों ने अंग्रेजों से अपनी आज़ादी वापस ले ली लेकिन हमारे पास कोई संविधान, राजनीतिक दल या शासन संरचना नहीं थी। भारत ने 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया। 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई और पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। हालांकि, 15 अगस्त 1947 को ही हमें आजादी मिली।

भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, भारतीय संविधान की स्थापना के लिए एक संवैधानिक संसद को चुना गया। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने संविधान-मसौदा समिति का नेतृत्व किया। भारत का संविधान बनाते समय अन्य देशों के संविधानों पर भी विचार किया गया। आखिरकार 166 दिन बाद भारतीय संविधान का निर्माण हुआ।

इसे सभी भारतीय नागरिकों को उनके धर्म, संस्कृति, जाति, लिंग या पंथ की परवाह किए बिना समान अधिकारों की गारंटी देने के लिए डिज़ाइन किया गया था। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया और लागू किया गया और उस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, यह ब्रिटिश नियंत्रण के अंत और एक गणतंत्र राज्य के रूप में भारत की स्थापना का प्रतीक है।

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दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day in Delhi)

देश की राजधानी, नई दिल्ली, गणतंत्र दिवस परेड की मेजबानी करती है, जिसे रक्षा मंत्रालय आयोजित करता है। भारत का 3 दिवसीय गणतंत्र दिवस उत्सव राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति के निवास के द्वार पर एक सार्थक समारोह के साथ शुरू होता है। यह इंडिया गेट से होते हुए रायसीना हिल तक कर्तव्य पथ पर चलता रहता है।

परेड में भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया जाता है। भारतीय सेना की नौ से बारह अलग-अलग बटालियन पूरे राजचिह्न और आधिकारिक प्रतीक चिन्ह पहनकर नौसेना और वायु सेना के साथ मार्च करती हैं। इस परेड में भारत के विभिन्न अर्धसैनिक समूहों और पुलिस बलों की बारह टुकड़ियां शामिल रहती हैं। भारत के राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करते हैं, सलामी स्वीकार करते हैं।

गणतंत्र दिवस का महत्व (Importance of Republic Day in hindi)

प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए गणतंत्र दिवस बेहद महत्वपूर्ण दिन है। यह अवकाश, भारत के राष्ट्रीय उत्सवों में से एक, हर किसी में देशभक्ति की भावना जगाता है। यह उन अवसरों में से एक है जो युवा पीढ़ी को हमारी अद्भुत भारतीय विरासत और संस्कृति से परिचित कराने में सहायता करता है। यह वह दिन है जिस दिन हम उन महान नेताओं और स्वतंत्रता योद्धाओं का सम्मान करते हैं जिन्होंने देश की रक्षा में अपना जीवन बलिदान कर दिया।

गणतंत्र दिवस हमें एकजुटता का मूल्य भी सिखाता है। यह दिन हमें बताता है कि एकजुट होकर देश के लोगों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया, जिससे शक्तिशाली ब्रिटिश शासन की नींव हिल गई। महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन ने हमें दिखाया कि बिना बल प्रयोग या खून बहाए अपने से कहीं अधिक शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी पर कैसे काबू पाया जा सकता है। संविधान यह सुनिश्चित करता है कि देश में कोई जाति, पंथ या धार्मिक भेदभाव न हो और गणतंत्र दिवस इसकी याद दिलाता है।

पुरस्कारों का वितरण (Distribution of Awards)

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, भारतीय राष्ट्रपति भारत के लोगों को 'पद्म' सम्मान से सम्मानित करते हैं। भारत रत्न या भूषण पद्म पुरस्कार प्राप्त करने के लिए, आपको कोई विशिष्ट उपाधि धारण करने की आवश्यकता नहीं है। एक विशेष समिति लोगों को नामांकित करती है। भारत रत्न और पद्म पुरस्कार दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। भारत रत्न देश का सर्वोच्च सम्मान है। पद्म भूषण पुरस्कार के लिए तीन अलग-अलग श्रेणियां हैं: पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री।

  • दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।

  • पद्म भूषण असाधारण सराहनीय सेवा के लिए दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।

  • पद्मश्री भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो अनुकरणीय सेवा के लिए व्यक्तियों को दिया जाता है।

महत्वपूर्ण प्रश्न :

गणतंत्र दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने के लिए सबसे पहले इसके बारे में बताएं। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन देश का संविधान लागू हुआ था। यह दिन देश की स्वतंत्रता के बलिदानियों को याद करने और देश के गणतंत्र होने के महत्व को प्रदर्शित करता है। इसके बाद संविधान के बारे में लिखें कि इसे कैसे तैयार किया गया। इसके बाद स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लिखते हुए देश में गणतंत्र के महत्व को लिखकर इसका समापन करें।

2025 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है?
इस वर्ष देश में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।

26 जनवरी 2025 को मुख्य अतिथि कौन होंगे?

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के 76वें गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि बन सकते हैं। वर्ष 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को 26 जनवरी के मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रित किया गया।

पहला गणतंत्र दिवस कब मनाया गया था?

भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया था। इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था तथा भारत एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ था।

हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं 80 शब्दों में?

26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाते हैं, क्योंकि इस दिन देश में संविधान लागू हुआ और साल 1930 में 26 जनवरी को 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' ने ब्रिटिश हुकूमत से पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी।

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गणतंत्र दिवस पर 10 पंक्ति लिखें (Write 10 lines on Republic Day)

विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस पर 10 पंक्ति लिखने को कहा जाता है। वे इसके लिए नीचे लिखे वाक्यों की मदद ले सकते हैं।

1. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और देश को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था।

2. गणतंत्र दिवस के दिन संविधान के महत्व पर चर्चा की जाती है।

3. 26 जनवरी को देश के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को श्रद्धांजलि देने का दिन है।

4.नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस का भव्य समारोह आयोजित होता है जिसमें सेना की टुकड़ियां परेड में हिस्सा लेती हैं और 29 जनवरी को बीटिंग रीट्रिट के साथ कार्यक्रम का समापन होता है।

5. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

6. बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर संविधान सभा के मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। संविधान निर्माण में उनकी भूमिका बहुत अहम रही। उन्हें संविधान का शिल्पकार माना जाता है।

7. गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है।

8. गणतंत्र दिवस परेड में नई दिल्ली में राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और राज्यों में राज्यपाल झंडोत्तोलन करते हैं।

9. नई दिल्ली के परेड में तीनों सेनाओं की टुकड़ियों के साथ अर्धसैनिक बल के जवान अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं।

10. गणतंत्र दिवस के परेड में विदेश से किसी मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है।

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दिल्ली में 26 जनवरी 2025 के राष्ट्रीय आयोजन में क्या-क्या होता है?

गणतंत्र दिवस परेड 2025 भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का अनूठा मिश्रण होगी। इसमें संविधान लागू होने के 75 साल पूरे होने और जनभागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यीय बैंड दल भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों के साथ 26 जनवरी, 2025 को कार्तव्य पथ पर परेड में भाग लेंगे। इस वर्ष विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की 31 झांकियां भाग लेंगी, जो 'स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' विषय पर आधारित होंगी। राष्ट्रगान के बाद भारतीय संविधान के 75वें वर्ष के आधिकारिक लोगो के बैनर वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे। इस कार्यक्रम का समापन 47 विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ होगा।

26 जनवरी, 2025 की सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत होगी। राष्ट्रपति पारंपरिक बग्गी में कर्तव्य पथ पर पहुंचेंगी और एक औपचारिक मार्च पास्ट के दौरान सलामी लेंगी। इसमें सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, सहायक नागरिक बल, एनसीसी और एनएसएस की इकाइयां शामिल होंगी। पीआईबी की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में इन कार्यक्रमों का उल्लेख किया गया है।

गणतंत्र दिवस समारोह 2025 के तहत निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा :

संविधान के 75वें वर्ष पूरे होने

भारत के संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे होना गणतंत्र दिवस समारोह का केंद्र बिंदु है। परेड के दौरान दो झांकियां संविधान के 75 साल के उत्सव को प्रदर्शित करेंगी। फूलों की सजावट, व्यू कटर थीम को दर्शाएंगे। कार्यक्रम के अंत में इस संदेश के बैनर वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे। इस विषय पर माईगोव (MyGov) पर क्विज और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।

नागरिकों की सुविधाओं में वृद्धि

नागरिकों को सुविधा प्रदान करने और गणतंत्र दिवस समारोह - 2025 पर विभिन्न कार्यक्रमों को देखने और जानकारी प्राप्त करने में आसानी जैसे टिकटों की बुकिंग, बैठने और पार्किंग की व्यवस्था आदि तक पहुंच प्राप्त करने के लिए एक व्यापक मोबाइल ऐप (एप्पल प्ले और एमसेवा) और पोर्टल 'राष्ट्रपर्व पोर्टल' विकसित किया गया है। यह गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट जैसे कार्यक्रमों से संबंधित सभी विवरणों के लिए एक फोकस पॉइंट के रूप में काम करेगा।

आसानी से पहुंच

मेट्रो सेवाएं : आरडीपी-2025 के आमंत्रित व्यक्तियों/टिकट धारकों को दिल्ली भर के मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश बिंदु पर मुफ्त मेट्रो यात्रा प्रदान की जाएगी। 26 जनवरी, 2025 को सुबह 04:00 बजे से पूरी दिल्ली में दिल्ली मेट्रो का परिचालन शुरू होगा। दिल्ली मेट्रो के पार्किंग स्थल पूरे दिल्ली में नियमित दरों पर शुल्क के आधार पर खोले जाएंगे।

पार्क और राइड योजनाः इस वर्ष भी पार्क एण्ड राइड योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत आमंत्रित लोग अपना वाहन पालिका पार्किंग, कनॉट प्लेस और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पार्किंग क्षेत्र (गेट-14 और 15) में पार्क करेंगे, जहां से वे डीटीसी बसों के माध्यम से फेरी सेवाओं (पिक एंड ड्रॉप) का उपयोग करेंगे। फेरी सेवाएं सुबह 6:00 बजे शुरू होंगी और 8:30 बजे बंद हो जाएंगी।

सभी प्रांगण (एनक्लोजर्स) सुलभ हैं और रैंप सुविधा के साथ दिव्यांगों के अनुकूल भी हैं। इनकी सहायता के लिए व्हीलचेयर के साथ एनसीसी के युवा स्वयंसेवक भी मौजूद होंगे।

हालांकि, प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची पहले ही बता दी जाती है। इसके बावजूद नागरिकों की सुविधा के लिए क्लॉक रूम की सुविधा भी होगी।

जनभागीदारी के लिए विशेष गतिविधियां

विशेष अतिथि: राष्ट्र और समाज निर्माण में विशेष योगदान करने वालों को सम्मानित करने के लिए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के विशेष मेहमानों को इस कार्यक्रम को देखने के लिए सरकार के विशेष मेहमानों के रूप में आमंत्रित किया गया है। ये मेहमान अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले हैं साथ ही स्वर्णिम भारत के वास्तुकार हैं। आरडीसी 2025 के लिए 34 श्रेणियों में लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें प्रमुख सरकारी योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच भी शामिल हैं।

उत्सव में लोगों की भागीदारी: दिल्ली में रहने वाले प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को पारंपरिक पोशाक में आरडीसी-2025 परेड देखने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। पारंपरिक पोशाक पहने ये मेहमान कर्तव्य पथ पर भारत की विविधता का प्रतीक बनेंगे। पहली बार माईगोव (MyGov) और ऑल इंडिया रेडियो के सहयोग से रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताओं के लगभग 2,000 (1,000 x 2) विजेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी:

परेड की शुरुआत

गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों के 300 सांस्कृतिक कलाकार 'सारे जहां से अच्छा' संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए करेंगे। वाद्ययंत्रों के समूह में पवन और तालवाद्यों का एक विस्तृत मिश्रण शामिल है, जैसे शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, रणसिंघा-राजस्थान, बांसुरी, कराडी मजालु, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, गोंग, निशान, चांग, ताशा, संबल, चेंडा, इडक्का, लेज़िम, थविल, गुडुम बाजा, तालम, मोनबाह आदि।

झांकी: इस वर्ष विभिन्न राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेशों (जिनकी संख्या संख्या 16 है)/केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों/संगठनों (जिनकी संख्या 15 है) से 31 झांकियां गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगी। इस वर्ष की झांकी का विषय 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है। दो झांकियां भारत के संविधान के 75 वर्षों का प्रदर्शन करेंगी। अन्य महत्वपूर्ण आकर्षण भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, सरदार वल्लभभाई पटेल और भारत मौसम विज्ञान विभाग हैं।

सांस्कृतिक प्रदर्शन: आरडीसी 2025 के सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत संस्कृति मंत्रालय के संगीत नाटक अकादमी के माध्यम से 'जयति जया ममः भारतम' शीर्षक में 5000 कलाकारों के साथ 11 मिनट के सांस्कृतिक प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शन में देश के विभिन्न हिस्सों से 45 से अधिक नृत्य शैलियां शामिल होंगी। पहली बार प्रदर्शन विजय चौक और सी हेक्सागोन से पूरे कर्तव्य पथ को कवर करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मेहमानों को समान रूप से देखने का अनुभव मिले।

बीटिंग रिट्रीट समारोह: गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 'बीटिंग रिट्रीट समारोह' के साथ होता है, जो हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर आयोजित किया जाता है। बीटिंग रिट्रीट उस परंपरा को ध्यान में रखते हुए मनाया जाता है, जिसके अनुसार, सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध बंद कर देते हैं। दिल्ली में बीटिंग रिट्रीट के दिन शाम को 6.15 बजे बिगुल बजाकर राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है और संगीतमय धुन में राष्ट्रगान गाया जाता है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी-2025 के दौरान सभी भाग लेने वाले बैंडों द्वारा केवल भारतीय धुनें बजाई जाएंगी।

राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता: रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से अखिल भारतीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में कुल 697 स्कूल बैंड (लगभग 12,857 छात्र) ने भाग लिया और इस प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन और पुरस्कार वितरण क्रमशः 24 और 25 जनवरी, 2025 को रक्षा सचिव और शिक्षा मंत्रालय के सचिव और रक्षा राज्य मंत्री एवं स्कूल शिक्षा के राज्य मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। गणतंत्र दिवस समारोह का गवाह बनने के लिए फाइनलिस्ट छात्रों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। फाइनलिस्ट टीमों में से झारखंड की लड़कियों की एक टीम राष्ट्रपति के मंच के सामने प्रदर्शन करेगी और दो टीमें विजय चौक के पास कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के साथ प्रदर्शन करेंगी।

वीर गाथा 4.0

सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण कार्यों और बलिदानों के बारे में बच्चों को प्रेरित करने और जागरूकता फैलाने के लिए गणतंत्र दिवस समारोह-2025 के तहत वीर गाथा का तीसरा संस्करण आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से 16 सितंबर से 31 अक्टूबर, 2024 के दौरान आयोजित किया गया था। पूरे भारत में लगभग 1.76 करोड़ छात्रों ने भाग लिया है और कुल 100 स्कूली छात्रों को वीर गाथा 4.0 का विजेता घोषित किया गया है। नई दिल्ली में 25 जनवरी को एक समारोह में रक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्री द्वारा इन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। वे कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भी शामिल होंगे।

भारत पर्व

पर्यटन मंत्रालय द्वारा 26-31 जनवरी, 2025 तक दिल्ली के लाल किले में 'भारत पर्व' का आयोजन किया जाएगा। इसमें गणतंत्र दिवस की झांकी, सैन्य बैंड (स्टेटिक) का प्रदर्शन, सांस्कृतिक प्रदर्शन, अखिल भारतीय व्यंजन परोसने वाले फूड कोर्ट और शिल्प बाजार का प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री के घर पर समारोह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 जनवरी, 2025 को अपने आवास पर गणतंत्र दिवस समारोह-2005 के एनसीसी कैडेटों, एनएसएस स्वयंसेवकों, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम कैडेटों, झांकी कलाकारों, जनजातीय अतिथियों आदि से मुलाकात करेंगे।

पीएम की एनसीसी रैली

दिल्ली कैंट में स्थित करियप्पा परेड ग्राउंड में 27 जनवरी 2025 को 'युवा शक्ति-विकसित भारत' की थीम पर प्रधानमंत्री की एनसीसी रैली आयोजित होने वाली है, जहां प्रधानमंत्री एनसीसी की विविध गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।


Frequently Asked Questions (FAQs)

1. 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू किया गया। इसलिए उस दिन को याद करने के लिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हालांकि 26 जनवरी की तिथि को ही गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे भी एक वजह है। सन 1929 में दिसंबर में लाहौर कांग्रेस के अधिवेशन में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अध्यक्षता की और इसमें प्रस्ताव पारित कर घोषणा की गई कि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन यानि स्वायत्त उपनिवेश घोषित करे। उसके बाद पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की गई और सक्रिय आंदोलन आरंभ हुआ। उसके बाद 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। आजादी के बाद 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया।

2. संविधान सभा ने अपना कार्य कब शुरू किया?

भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा घोषित की गई और उसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1946 से आरंभ किया। इसमें डॉ. भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण के लिए कुल 22 समितियां बनाई गई थीं जिसमें ड्रॉफ्टिंग कमेटी सबसे महत्वपूर्ण थी और डॉ. भीमराव आंबेडकर इसके अध्यक्ष थे।

3. भारत के संविधान में कितने अनुच्छेद हैं?

जब भारत का संविधान लागू किया गया तब संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां थी। वर्तमान में हमारे संविधान में 25 भाग 448 अनुच्छेद तथा 25 अनुसूचियां है।

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