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शिवाजी महाराज पर निबंध: छत्रपति शिवाजी महाराज अपने आप में भारत की गौरव-गाथा को समाहित किए हुए हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज की बायोग्राफी (shiva ji biography in hindi) के बारे में जानना हर छात्र के लिए जरूरी हो जाता हैं। छात्र छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध के माध्यम से उनके गुणों को जानकर तथा अपना कर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और साथ ही विद्यालय में भी अक्सर महान पुरुषों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। ऐसे में छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध लिखना छात्रों के लिए बेहद रोमांचक तथा रुचिपूर्ण कार्य हो जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध हिंदी में पढ़कर तथा उनके गुणों तथा विशेषताओं को जानकार छात्र अपने व्यक्तित्व को बेहतर बना सकते हैं।
विद्यार्थी जीवन में शिवाजी जैसे महान पुरुषों की जीवनी के बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। शिवाजी महाराज जीवन चरित्र या शिवाजी की जीवनी जानने से छात्रों के व्यक्तित्व पर इसका बेहद गहरा प्रभाव पड़ेगा। शिवजी की जीवनी (shiva ji biography in hindi) जानने से छात्र उनके गुणों को अपने भीतर आत्मसात कर सकते हैं तथा अपने व्यक्तित्व को शिवाजी की तरह तटस्थ तथा दृढ़ संकल्प वाला बना सकते हैं।
छत्रपति शिवाजी महाराज को भला कौन नहीं जानता। भारतीय शूरवीर योद्धाओं व महाराजाओं के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे जिन्हें उनकी कला में रुचि, शौर्य तथा अद्भुत ज्ञान के कारण जाना जाता है। वे सनातन धर्म में अत्याधिक आस्था रखते थे। उनका बचपन अपनी माताजी जीजाबाई से पवित्र ग्रन्थों को सुनकर व समझते हुए गुजरा। छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन (about shivaji in hindi) को समझने व उनके उसूलों को जीवन में उतारने के लिए ही अक्सर छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध (chhatrapati shivaji maharaj nibandh in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है।
कभी-कभी इन छात्रों को परीक्षा में महत्वपूर्ण अंकों के लिए छत्रपति शिवाजी पर निबंध (shivaji maharaj in hindi) लिखने से संबंधी प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। वहीं कुछ छात्रों की हिन्दी विषय पर पकड़ कमजोर होती है, ऐसे में उनके लिए शिवाजी महराज पर हिंदी में निबंध (shivaji maharaj in hindi) लिखना काफी मुश्किल भरा होता है। इसके अलावा कभी-कभी वाद-विवाद प्रतियोगिता या निबंध लेखन प्रतियोगिता में भी प्रतियोगियों को शिवाजी पर हिंदी में निबंध (Essay on Chhatrapati Shivaji Maharaj in hindi) लिखने की या फिर इसके संबंध में ज्ञान की जरूरत होती है। यदि आप भी उपर्युक्त समस्या का सामना रहे हैं, तो आज आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि छत्रपति शिवाजी पर निबंध (chhatrapati shivaji per nibandh) विशेष इस लेख के माध्यम से आपकी इन सभी समस्याओं को दूर कर देंगे, ऐसी हमें उम्मीद है।
भारत में छत्रपति शिवाजी भोसले को प्रचलित रूप से शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाता है। शिवाजी महाराज ने वर्ष 1646-1680 के बीच भारत के कई महत्वपूर्ण हिस्सों पर राज किया था। वे मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे तथा कला में अपने उत्कृष्ट ज्ञान तथा रुचि के लिए जाने जाते थे। छत्रपति शिवाजी महाराज युद्ध के लिए अपनाई गई उनकी शानदार रणनीतियों की वजह से भी जाने जाते हैं। वे एक बहादुर व बेखौफ योद्धा थे जिन्हें किसी भी दुश्मन का खौफ नहीं था। इस लेख में यहां शिवाजी महाराज पर कुछ निबंध के उदाहरण स्वरूप दिए गए हैं।
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वीर शिवाजी महाराज का जन्म महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग के एक मराठा परिवार में 19 फरवरी, 1627 को हुआ था। उनकी दृढ़ता, बहादुरी और प्रभुत्व ने उनके बाद आने वाले सभी लोगों के लिए उदाहरण के रूप में कार्य किया। उनके साहस की कोई सीमा नहीं थी। वे एक योद्धा थे, जिन्होंने जनता के कल्याण के लिए अन्याय के खिलाफ युद्ध लड़ा और अपने दुश्मनों को अपने शौर्य से नाकों तले चना चबाने को मजबूर कर दिया।
छत्रपति शिवाजी महाराज को आज भी एक बहादुर योद्धा, नई सैन्य रणनीतियों का इस्तेमाल करने वाले एक चतुर रणनीतिज्ञ और एक कुशल प्रशासक के रूप में याद किया जाता है। जब वे बालक थे तब वे महाभारत और रामायण की गौरवशाली गाथाओं को पढ़ा करते थे। उन्होंने न केवल आदर्श हिंदू के चरित्र में मौजूद रहने वाले अडिग लक्षणों को आत्मसात किया, बल्कि इन दो महाकाव्यों से प्राप्त शिक्षाओं का अपने जीवन में अनुसरण किया। जीवन में उन्होंने कभी किसी से हार नहीं मानी।
मराठा सम्राट, छत्रपति शिवाजी महाराज एक साहसी और विनम्र शासक थे। जब भारत पर शासन के दौरान मुगलों ने आम जनता पर अत्याचार करना शुरू किया, तो इस दौरान उन्होंने लोगों की सहायता की और वे आम जनता के लिए आशा की एक किरण बनकर उभरे। उन्हें एक समद्रष्टा और निष्पक्ष शासक के रूप में देखा गया, जो जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे।
शिवाजी महाराज पर निबंध : शिवाजी महाराज बाल जीवन (Essay on Shivaji Maharaj : Shivaji Maharaj as a Child)
शिवाजी महाराज को बचपन से ही उनके माता-पिता दिवारा अच्छी शिक्षा प्राप्त हुई जिसकी वजह से वे असीमित ज्ञान एवं धैर्य के धनी थे। धार्मिक अनुष्ठानों के ज्ञाता होने के साथ-साथ शिवाजी महाराज युद्ध कौशल में भी पारंगत थे। उन्हें अपनी माँ का मुखर व्यक्तित्व विरासत में मिला था। उन्होंने बचपन से यही सीखा कि जाति या धर्म से ऊपर सभी इंसान को भगवान ने एक समान बनाया है और इनके बीच किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कई युद्ध लड़े और आम लोगों को अत्याचारियों के आतंक से मुक्त कराया। यही वजह थी कि उन्हें 'छत्रपति शिवाजी' कहा जाने लगा जिसका अर्थ होता है, 'लोगों का शासक'।
शिवाजी महाराज पर निबंध : शिवाजी महाराज और उनका साम्राज्य (Essay on Shivaji Maharaj : Shivaji Maharaj and his Empire)
छत्रपति शिवाजी महाराज ने युद्ध और रक्षा तकनीकों में बहुत जल्द महारत हासिल कर ली थी तथा उन्होंने अपने जीवन में इसका बखूबी इस्तेमाल भी किया। एक विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य बनाने की दिशा में, शिवाजी महाराज ने हर उस विरोधी से युद्ध कर उसे अपने अधीन करना शुरू कर दिया, जो उनके राज्य सीमाक्षेत्र के करीब थे। इस तरह दिन ब दिन मराठा साम्राज्य, छत्रपति शिवाजी महाराज की कूटनीति, शक्ति और वीरता की बदौलत और भी अधिक शक्तिशाली होता चला गया। शिवाजी महाराज ने आम लोगों को अत्याचारियों से मुक्त कराया, जिससे उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में ख्याति मिली। अपने जीवन में उन्होंने आधुनिक युग के तानाशाहों को नष्ट करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जिसकी वजह से वे प्रजा के बीच लोकप्रिय थे।
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भारत का इतिहास इस धरती पर जन्म लेने व अनगिनत महिलाओं और पुरुषों के शौर्यगाथा से भरा हुआ है। इन्हीं शूरवीरों में से एक थे मराठा साम्राज्य के प्रथम शासक 'शिवाजी महाराज'। शिवाजी महाराज के ऊपर अपने माता-पिता का गहरा प्रभाव पड़ा था। उनकी माता जी का नाम जीजाबाई भोसले तथा पिताजी का नाम शाहजी भोसले था। शिवाजी महाराज एक साहसी योद्धा थे, 15 साल की छोटी उम्र में उन्होंने तीन किलों पर कब्जा कर लिया था। साल 1674 में रायगढ़ के किले में उन्हें छत्रपति शिवाजी की उपाधि से नवाजा गया।
शिवाजी महाराज पर निबंध : शिवाजी महाराज का जीवन (Essay on Shivaji Maharaj : Life of Shivaji Maharaj)
शिवाजी महाराज बेहद ही आस्तिक इंसान थे और उनका बचपन अपनी माँ जीजाबाई के मुख से धार्मिक ग्रन्थों को सुनते हुए बिता था। एक आस्थावान हिन्दू होने के बावजूद भी शिवाजी महाराज ने हमेशा दूसरे धर्म के लोगों के आस्था का सम्मान किया।
जब शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की, तो उन्होंने रायगढ़ को अपने राज्य की राजधानी के तौर पर चुना। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने सीमावर्ती किलों पर जीत हासिल कर इस साम्राज्य का और भी विस्तार किया। अपने साम्राज्य के विस्तार के दौरान उन्होंने मुगल सल्तनत, ब्रिटिश हुकूमत और अन्य सामंती हुकूमतों से लोहा लिया।
शिवाजी महाराज ने अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़े जैसे कि प्रतापगढ़ का युद्ध। 10 नवंबर 1659 को उनका युद्ध आदिलशाही सल्तनत के सेनापति अफजल खान से महराष्ट्र के सातारा शहर में हुआ। इस युद्ध में पैदल सैनिकों के अलावा हाथी, ऊंट व तोपों का भी इस्तेमाल किया गया था।
शिवाजी महाराज के जीवन काल में दूसरे महत्वपूर्ण युद्ध के तौर पर 'कोल्हापुर का युद्ध' देखा जाता है। 28 दिसंबर, 1659 को यह युद्ध वीर मराठा छत्रपति शिवाजी और आदिलशाही साम्राज्य के सैनिकों के बीच में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में लड़ा गया था। दोनों ही सेनाओं में लगभग बराबर मात्र में सैनिक थे, लेकिन शिवाजी की बेमिसाल रणनीति की वजह से उन्होंने ना सिर्फ ये युद्ध जीता बल्कि इसके बाद कोल्हापुर पर उनका आधिपत्य भी स्थापित हुआ।
इसके अलावा, 13 जुलाई, 1660 को आदिलशाह के सिद्दी मसूद और मराठा सरदार बाजी प्रभु देशपांडे के बीच, कोल्हापुर, महाराष्ट्र, भारत के पास विशालगढ़ किले के पास, पवन खिंड की लड़ाई लड़ी गई थी।
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शिवाजी महाराज पर निबंध : शिवाजी महाराज और मानसिक युद्ध (Shivaji Maharaj in hindi : Shivaji Maharaj and Mental Warfare)
शिवाजी के पास मानसिक युद्ध करने का एक बुद्धिमान तरीका था। शिवाजी ने थोड़ी किन्तु सक्षम व स्थाई सेना रखी। शिवाजी को अपनी सेना की सीमा का ध्यान था। उन्होंने महसूस किया कि पारंपरिक सैन्य रणनीति मुगलों की विशाल और अच्छी तरह से प्रशिक्षित घुड़सवार सेना, जो साथ ही साथ, जमीनी जंग लड़ने वाले असलहों से भी लैस थी, से निपटने में असमर्थ थी। इस प्रकार शिवाजी ने 'गनीमी कावा' नामक गुरिल्ला युद्ध रणनीति अपनाई। शिवाजी गुरिल्ला युद्ध में माहिर थे।
उन्हें रोकने के लिए भेजे गए सशस्त्र बलों को उन्होंने गुरिल्ला युद्धनीति की बदौलत नियमित रूप से अचंभित किया और अपनी कुशल तकनीकों से उन्हें युद्ध छोड़ कर भागने के लिए मजबूर कर दिया। उन्हें समझ आ गया था कि तत्कालीन विशाल मगर सुस्त सेनाओं में आपूर्ति एक महत्वपूर्ण मगर सबसे कमजोर कड़ी थी। वे अपनी स्थानीय इलाके की विशेषज्ञता और अपनी हल्की घुड़सवार सेना की बेहतर गतिशीलता का उपयोग करके दुश्मन की आपूर्ति को काट दिया करते। शिवाजी शारीरिक युद्ध से ज्यादा मासिक युद्ध को तरजीह देते। वे बुद्धिमानी से दुर्गम इलाकों का चयन करते और फिर अपने शत्रुओं को आकर्षित करते, उन्हें वहाँ फँसाते और फिर उन्हें वहाँ से भागने के लिए मजबूर कर देते।
शिवाजी एक योद्धा की आचार संहिता और उनकी नैतिक उत्कृष्टता के दृढ़ पालन के लिए जाने जाते थे। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मानित किया गया था। जबकि शिवाजी के कुछ संस्करणों का दावा है कि ब्राह्मण गुरु समर्थ रामदास का उन पर महत्वपूर्ण प्रभाव था, दूसरों का तर्क है कि बाद के ब्राह्मण लेखकों ने इतिहास में अपनी स्थिति को मजबूत दिखाने के लिए छत्रपति शिवाजी पर गुरु रामदास के प्रभाव पर अधिक बल दिया। स्वराज्य की मान्यताओं और मराठा विरासत का बचाव करके और अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का उपयोग करके, छत्रपति शिवाजी महाराज ने इतिहास में अपने लिए एक सम्मानजनक और गौरवपूर्ण स्थान बनाया है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
हम उम्मीद करते हैं कि शिवाजी महाराज पर निबंध (chhatrapati shivaji maharaj in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको शिवाजी महाराज के जीवन के बारे में (about shivaji in hindi) काफी जानकारी मिल गई होगी और साथ ही शिवाजी महाराज पर निबंध (shivaji maharaj in hindi) लिखने संबंधी आपकी सभी समस्याओं का समाधान भी हो गया होगा। शिवाजी महाराज पर निबंध (shivaji maharaj in hindi) के जैसे ही अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध पढ़ने के लिए आप इस लेख में दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
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