स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi) - स्वच्छ भारत अभियान पिछले दशक से शुरू हुए भारत की सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण पहलों में से एक है। महात्मा गांधी के स्वच्छ राष्ट्र के विजन को आगे बढ़ाने का आवाह्न करते हुए उनके जन्मदिन पर वर्ष 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission in Hindi) की शुरुआत की घोषणा की। यहां 'स्वच्छ भारत अभियान' पर कुछ नमूना निबंध दिए गए हैं। विस्तार से समझने के लिए लेख को पूरा पढ़ें। इससे आपको संक्षिप्त निबंध से लेकर बड़े निबंध लिखने में मदद मिलेगी।
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पर्यावरण संरक्षण के नजरिये से हमारे देश में स्वच्छ भारत अभियान की काफी जरूरत भी है, क्योंकि पर्यावरणीय प्रदर्शन सूचकांक (Environmental Performance Index -EPI) में 180 देशों की सूची में भारत की स्थिति सबसे खराब है। इससे पहले देश में स्वच्छता का स्तर कैसा रहा होगा इस बात का केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है। स्वच्छ भारत अभियान पर लिखे गए निबंध से न केवल जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री भी मिलेगी जिसकी मदद से स्वच्छ भारत मिशन पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi) लिखने और स्वच्छ भारत पर भाषण तैयार करने में मदद मिलेगी।
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स्वच्छता का हम सभी के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। हम सब जानते हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। मन को स्वस्थ रखने के लिए तन का स्वस्थ होना जरूरी है और स्वच्छता के बिना स्वस्थ रहने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। किसी भी देश की सबसे बड़ी पूंजी वहां के निवासी होते हैं ऐसे में अपनी सबसे बड़ी पूंजी को बनाए रखने, उसे समृद्ध करने और बढ़ाने के लिए बड़े जतन करने होते हैं। भारत जैसे देश में स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहल की एक लंबे अरसे से जरूरत रही है।
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भारत की सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण पहलों में से एक स्वच्छ भारत अभियान है। राष्ट्रपिता ने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था, वे चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें और इस सपने को साकार बनाएं। महात्मा गांधी के स्वच्छ राष्ट्र के दृष्टिकोण के सम्मान में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को इस अभियान की शुरुआत की घोषणा की। उन्हें पूरा भरोसा था कि प्यारे बापू के इस दृष्टिकोण को हर भारतवासी समझेगा और इसमें भरसक योगदान देगा।

महात्मा गांधी ने इस स्वच्छता के महत्व को बहुत पहले ही समझ लिया था। वे कहते थे "स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक जरूरी है।” महात्मा गांधी बेहद सफाई पसंद व्यक्ति थे। आजीवन वे स्वच्छता के बहुत बड़े पैरोकार रहे। यही वजह थी स्वच्छता और सफाईकर्मियों से उन्हें सदैव विशेष प्रेम रहा। उस समय सफाई से जुड़े कार्य करने वाले लोगों को समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता था, लोग उनको अछूत मानते थे, लेकिन गांधी जी ने उनको हरिजन की संज्ञा दी और समाज में सम्मान वापस दिलाने की कोशिश की।
देश के 14वें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जरूरत को गहराई से समझा और 2019 में आने वाली राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनको सर्वोत्तम श्रद्धांजलि देने के लिए नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (तब राजपथ) पर देशव्यापी स्वच्छता अभियान स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य हर परिवार को शौचालय, अपशिष्ट निपटान प्रणाली, गांवों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के साथ ही सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति जैसी सुविधाएँ मुहैया कराना है। केवल सरकारी तंत्र के बूते स्वच्छ भारत कभी सफल नहीं हो सकता इसलिए स्वच्छ भारत अभियान को जन अभियान का रूप देने की आवश्यकता थी, सभी देशवासियों की इस अभियान में भागीदारी सुनिश्चित करनी थी। इसके लिए उन्होंने 2 अक्टूबर, 2014 को “न मैं गंदगी करूंगा, न ही करने दूंगा” के मूल मंत्र के साथ अभियान को हरी झंडी दी।
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सफाई को ईश्वर भक्ति के बाद दूसरा स्थान माना जाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने खुले में शौच को खत्म करने, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने और लोगों को स्वच्छता के मूल्य को समझने में मदद करके 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने के लिए 2014 में गांधी जयंती के अवसर पर एक मिशन की घोषणा की। यह पहल हमारे देश और उसके नागरिकों को प्रभावित करने वाली सभी गंदगी और अशुद्धियों को खत्म करने के महात्मा गांधी के दृष्टिकोण से प्रेरित है।

स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत आंदोलन को आम तौर पर इस पहल के रूप में जाना जाता है। सभी भारतीय शहरों और कस्बों को साफ करना इस प्रयास का लक्ष्य है। देश भर में, सभी कस्बों-गांवों और शहरों को स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता अभियान में शामिल किया गया। आम जनता को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करना वास्तव में एक उत्कृष्ट पहल है।
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भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को स्वच्छ भारत अभियान पहल के सम्मान में 25 सितंबर, 2019 को न्यूयॉर्क में गेट्स फाउंडेशन का "ग्लोबल गोलकीपर" पुरस्कार मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत अभियान भारत को स्वच्छ बनाने का एक प्रयास है। इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 145वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर 2014 को उनके स्वच्छता प्रेम स्वच्छ भारत के सपने को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पेश किया गया।
आवास और शहरी मामले विभाग एवं पेयजल और स्वच्छता विभाग राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम के प्रभारी हैं। महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ, 2 अक्टूबर, 2019 तक सुझाई गई योजनाओं को पूरा करने के लिए पांच वर्षों के लिए स्वच्छ भारत अभियान की कल्पना की गई थी।
स्वच्छ भारत अभियान के कैंपेन:
प्लास्टिक से रक्षा
स्वच्छता पखवाड़ा
स्वच्छता श्रमदान
स्वच्छता ही सेवा
स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। स्वच्छ भारत अभियान के अनुसार, भारत के प्रत्येक निवासी को सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराने के साथ-साथ बाथरूम, तरल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और स्वच्छ गांवों सहित बुनियादी स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जानी है।
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स्वच्छ भारत अभियान (Swachchh Bharat Abhiyan in Hindi), को Clean India Mission या स्वच्छ भारत मिशन (Swachchh Bharat Mission in Hindi) के रूप में भी जाना जाता है, यह एक देशव्यापी परियोजना है जिसे भारत सरकार ने खुले में शौच को खत्म करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के लिए 2014 में शुरू किया था। यह निर्मल भारत अभियान का एक उन्नत संस्करण है।

वित्त मंत्रालय ने फरवरी 2021 में घोषणा की कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 को "स्वास्थ्य और कल्याण" घटक के तहत लागू किया जाएगा। एसबीएम-यू चरण II में 1 लाख से कम आबादी वाले सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में नए सीवेज ट्रीटमेंट के साथ ही खराब सीवेज ट्रीटमेंट को जगह दी गई है।
स्वच्छ भारत मिशन का पहला चरण अक्टूबर 2019 में पूरा हुआ। चरण 1 की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन चरण 2 को 2020-2021 और 2024-2025 के बीच पूरा किया जा रहा है। सरकार ने केंद्रीय बजट 2021 में स्वच्छ भारत मिशन (यू) 2.0 के लिए 1,41,678 करोड़ रुपये आवंटित किए। यहां एसबीएम-शहरी 2.0 में इन बातों को जगह दी गई है-
अपशिष्ट प्रबंधन - ठोस
क्षमता निर्माण, सूचना, शिक्षा और संचार
1 लाख से कम आबादी वाले सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए अपशिष्ट जल उपचार शामिल
पर्यावरण स्वच्छता (शौचालय का निर्माण)
कुल 377 मिलियन की आबादी वाले सभी 4041 सांविधिक कस्बों को जो शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासित स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के हिस्से के रूप में घरेलू शौचालय और स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक था। पांच साल के बजट में 62,009 करोड़ रुपये का अनुमान किया गया था, जिसमें से 14,623 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा दिए जाने थे। मिशन का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को 2.5 लाख स्थानीय और 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय सीटें प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, इसमें प्रत्येक समुदाय में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं के निर्माण का सुझाव दिया गया। छह प्रमुख बातों इस मिशन में जगह दी गई:
प्रत्येक घर के लिए अलग शौचालय;
सार्वजनिक प्रशाधन
नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन,
सामुदायिक प्रसाधन
सूचना और शिक्षा संचार जागरूकता
क्षमता निर्माण
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भारत में गंदगी और अस्वच्छता से निपटने के लिए स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान-शैली अभियान की सख्त जरूरत है। नागरिकों का विकास उनके सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण के संदर्भ में कार्यक्रम पर निर्भर करता है। आमतौर पर, ग्रामीण स्थानों में निवासियों के लिए अधिक शौचालयों की आवश्यकता होती है। मलत्याग करने के लिए निवासी बाहर सड़कों या खेतों में चले गए। इससे लोगों के लिए स्वच्छता संबंधी कई समस्याएं पैदा हो गईं। इसलिए, स्वच्छ भारत मिशन इन लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण सहायता कर सकता है।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने स्वच्छ भारत अभियान कार्य योजना की तैयार की। 2019 तक इसका इरादा स्वच्छता सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का था। भारत को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) बनाना प्राथमिक आवश्यकता थी।
कार्य योजना के मुख्य बिंदु:
2019 तक शौचालय की विकास दर 3% से बढ़ाकर 10% करना।
स्कूली बच्चे जल, स्वच्छता और सफाई के जाकरूकता अभियानों में भाग लें।
प्रतिदिन शौचालय निर्माण की संख्या 14000 से बढ़कर 48000 करना।
ऑडियो-विज़ुअल, मोबाइल टेलीफोन और स्थानीय कार्यक्रमों का उपयोग करके जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रीय/राज्य-स्तरीय मीडिया अभियान का शुभारंभ करना।
स्वच्छ भारत अभियान का महत्त्व (Importance of Swachh Bharat Abhiyan in Hindi)
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य खुले में शौच और अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दों के साथ-साथ सामान्य स्वच्छता से जुड़े सामान्य लक्ष्य को हासिल करना है, क्योंकि ये मुद्दे देश की प्रगति में बाधा डालते हैं।
स्वच्छ भारत कार्यक्रम के प्राथमिक उद्देश्य हैं:
खुले में शौच की समाप्ति
अस्वच्छ शौचालयों का रूपांतरण
मैनुअल कचरा संग्रहण।
पूर्ण अपशिष्ट निपटान
अपशिष्ट का पुन: उपयोग
उम्मीद है कि भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी और सराहनीय पहल स्वच्छ भारत अभियान के बारे में इस निबंध से उपयोगी जानकारी मिल गई होगी। महात्मा गांधी के सपनों के भारत का निर्माण करने के लिए देश की सबसे बड़ी पूंजी मानव संसाधन को स्वस्थ रखने की आवश्यकता होगी और इसमें स्वच्छ भारत अभियान बेहद अहम भूमिका निभाएगा। Swachh Bharat Abhiyan par Hindi nibandh से न केवल इसके बारे में उपयोगी जानकारी मिली होगी बल्कि उम्मीद है कि इसके महत्व को समझते हुए स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका के साथ भी न्याय करेंगे।
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स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी और जन-आंदोलन है, जिसका उद्देश्य देश को स्वच्छ, स्वस्थ और प्रदूषण-मुक्त बनाना है। इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। गांधीजी का सपना था कि भारत स्वच्छ और स्वावलंबी बने, इसलिए इस अभियान को उनकी जयंती से जोड़कर इसे राष्ट्रीय महत्व दिया गया। इसका मुख्य नारा है – "एक कदम स्वच्छता की ओर"। यह अभियान केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि पूरे देश की सामूहिक जिम्मेदारी है।
स्वच्छ भारत अभियान के दो भाग हैं – स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)। इसका सबसे बड़ा लक्ष्य 2 अक्टूबर 2019 तक पूरे देश को खुले में शौच मुक्त (Open Defecation Free - ODF) घोषित करना था, जिसे भारत ने समय से पहले हासिल कर लिया। इसके अलावा निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
हर घर में शौचालय का निर्माण।
ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन।
गांवों-शहरों में सफाई अभियान को जन आंदोलन बनाना।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना।
प्लास्टिक कचरे, विशेषकर सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करना।
2014 से 2025 तक इस अभियान ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है:
ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय कवरेज 39% से बढ़कर लगभग 100% हो गया।
12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ।
6 लाख से ज्यादा गांव, 700 से अधिक जिले और 35 से अधिक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ODF घोषित हो चुके हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण के माध्यम से शहरों में सफाई की रैंकिंग शुरू हुई, जिससे इंदौर, सूरत, भोपाल जैसे शहर लगातार सबसे स्वच्छ शहर बने।
स्कूलों में स्वच्छता शिक्षा, सेनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन, हैंडवॉश अभियान जैसे कदमों से बच्चों में स्वच्छता की आदत डाली गई।
इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत जन-भागीदारी है। फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों, धार्मिक नेताओं, एनजीओ और आम नागरिकों ने इसमें हिस्सा लिया। अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, अनुष्का शर्मा जैसे सेलिब्रिटी इसके ब्रांड एम्बेसडर बने। स्वच्छाग्रही, स्वच्छता कर्मी और मशीनों की मदद से गांव-गांव तक सफाई पहुंचाई गई। "स्वच्छता ही सेवा" अभियान हर साल गांधी जयंती से पहले चलाया जाता है, जिसमें लाखों लोग झाड़ू उठाकर सफाई करते हैं।
सफलता के बावजूद कुछ चुनौतियाँ बची हुई हैं:
कई जगह बने शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा।
कचरा प्रबंधन अभी भी अपर्याप्त है; नदियों और समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण गंभीर समस्या है।
ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवहार परिवर्तन (Behaviour Change) अभी पूरी तरह नहीं आया।
बारिश के मौसम में जल-जमाव और डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियाँ बढ़ जाती हैं।
स्वच्छ भारत अभियान केवल शौचालय बनाने या कचरा उठाने का कार्यक्रम नहीं है; यह देश की सोच और जीवन शैली बदलने का आंदोलन है। जब तक हर नागरिक यह नहीं मानेगा कि "स्वच्छता मेरी जिम्मेदारी है", तब तक पूर्ण सफलता नहीं मिलेगी। यदि हम गांधीजी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करना चाहते हैं, तो हमें रोज़ अपने घर, गली, मोहल्ले और सार्वजनिक स्थलों को साफ रखना होगा। आने वाली पीढ़ियों को हमें एक स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ भारत सौंपना है। इसलिए आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें – "स्वच्छ भारत मेरा भारत, स्वस्थ भारत मेरा भारत"।
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Frequently Asked Questions (FAQs)
गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ पर आयोजित एक कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाई।
देश में निर्मल भारत अभियान नाम से एक योजना 1999 से संचालित थी, बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से 24 सितंबर 2014 को इसे स्वच्छ भारत अभियान के रूप में पुनर्गठित किया गया। गांधी जयंती के अवसर पर इसे जोश के साथ स्वच्छ भारत मिशन को लागू किया गया।
स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए कई कैंपेन चलाए गए-
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानी 2 अक्टूबर 2019, तक सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण हिस्सों में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके खुद को भारत ने "खुले में शौच मुक्त" (ओडीएफ) घोषित कर दिया।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का उद्देश्य दिनांक 02 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ एवं खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) भारत की प्राप्ति करना रहा। स्वच्छता, साफ-सफाई तथा खुले में शौच बंद करके ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार लाना रहा।
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