मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)
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मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)

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Nitin SaxenaUpdated on 09 Sep 2025, 11:18 AM IST
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मेरा प्रिय मित्र (My Best Friend Nibandh) - हमारी जिंदगी में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को हम भूल जाते हैं, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, लेकिन उनमें से बहुत ही कम संख्या में ऐसे लोग होते हैं जो हमारे सभी दोस्तों के बीच सबसे अच्छे दोस्त बन पाते हैं। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र' (My Best Friend Nibandh in hindi) पर निबंध का एक सैंपल प्रदान करता है, ताकि उन्हें अपने स्कूल के कार्य तथा प्रोजेक्ट की शुरुआत करने में मदद मिल सके। ये निबंध आपके लेखन कौशल, रचनात्मकता और निबंध लिखते समय आपके लिए विभिन्न विचारों एकत्रित और संगठित करने में भी सहायता कर सकते हैं।
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This Story also Contains

  1. मेरे प्रिय मित्र पर 100 शब्दों में निबंध (100 Words Essay On My Best Friend Nibandh)
  2. मेरे प्रिय मित्र पर 200 शब्दों में निबंध (200 Words Essay On My Best Friend Nibandh)
  3. मेरे प्रिय मित्र पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay On My Best Friend Nibandh)
  4. मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Nibandh)
मेरा प्रिय मित्र निबंध  (My Best Friend Essay in Hindi)
My Best Friend Nibandh in Hindi

मेरे प्रिय मित्र पर 100 शब्दों में निबंध (100 Words Essay On My Best Friend Nibandh)

जब दो लोग गहरे स्तर पर जुड़ते हैं, तो वे मित्र बन जाते हैं और एक दूसरे के जीवन में स्थिर हो जाते हैं। मेरा प्रिय मित्र (My Best Friend Nibandh in hindi) अनिल है। मेरे और उसके विचार, पसंद और स्वभाव लगभग एक जैसे हैं, सच्ची व गहरी दोस्ती के लिए यह जरूरी भी है। उसके जैसा सबसे प्रिय मित्र पाकर मेरा जीवन कई मायनों में बेहतर हुआ है। वह मेरी समस्याओं को सुनता है और समझता है और उन्हें सुलझाने में में मेरी सहायता करता है और मुझे हर वक्त खुश और तनावमुक्त महसूस कराता है। मैं अनिल के आसपास कम अकेलापन महसूस करता हूं, वह मुझे सहज महसूस कराता है और उसके साथ बिताया हर लम्हा आनंदडाक होता है। जब मैं उसके आसपास होता हूं, तो हमेशा हँसता रहता हूँ। वह सबसे मजेदार व्यक्तियों में से एक है जिन्हें मैं जानता हूं। मुझे यह एहसास है कि मैं किसी भी चीज के लिए हमेशा अनिल पर भरोसा कर सकता हूं। मैं उसे लगभग 5 साल से जानता हूं और इस दौरान हमने साथ में काफी बेहतरीन पल बिताए हैं।

मेरे प्रिय मित्र पर 200 शब्दों में निबंध (200 Words Essay On My Best Friend Nibandh)

सच्ची दोस्ती अनमोल होती है और मानव जीवन में इसका अत्यधिक महत्व होता है। मेरा प्रिय मित्र मेरे लिए निस्संदेह रूप से एक आशीर्वाद है जो ऊपरवाले ने मुझे दिया है। एक सच्चा दोस्त होने से बेहतर कुछ नहीं है जिसके साथ आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा कर सकते हैं और कभी भी जरूरत होने पर उसका समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा कुछ नहीं है जो उस अटूट प्यार और ईमानदारी की तुलना कर सके जो एक दोस्त प्रदान करता है। सबसे अच्छे दोस्त हमारे जीवन को अर्थ देते हैं और इसे सरल और खुशहाल भी बनाते हैं।

मेरा प्रिय मित्र मेरे जीवन के सबसे बड़े खजानों में से एक है। जब मैं उसके साथ समय बिता रहा होता हूं तो समय बहुत जल्दी बीत जाता है। जब भी मुझे सहायता या प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है, तो मेरा प्रिय मित्र अनमोल हमेशा मेरे लिए होता है। हमने आपस में अपने अनुभव साझा किए हैं और यादें बनाईं जिन्हें मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा। अनमोल वह पहला व्यक्ति है जिसके बारे में मैं किसी भी समस्या की स्थिति में सोचता हूं। जब भी मुझे कोई कठिनाई होती है, तो वह हमेशा मुझे सर्वोत्तम विचार देकर मेरी सहायता करता है। एक व्यक्ति जिस पर मैं अपने शेष जीवन के लिए पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं, वह मेरा प्रिय मित्र अनमोल है। हम हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं। हम लगभग हर रोज समय बिताते हैं और एक साथ करने के लिए नई रोमांचक चीजें ढूंढते हैं - चाहे वह नए व्यंजनों को आजमाना हो या फिर किसी नई किताब को पढ़ना हो।

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महत्वपूर्ण लेख :

मेरे प्रिय मित्र पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay On My Best Friend Nibandh)

दोस्ती किसी के भी जीवन में एक अद्भुत तोहफा है। एक व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में कई प्रकार के लोगों से मिलता है। इनमें से कुछ ही लोग होते हैं जो समान विचार और व्यक्तित्व साझा करते हैं। हम इस प्रकार के लोगों के साथ अधिक समय बिताते हैं और उनके करीब रहना चाहते हैं। किसी भी रिश्ते का निश्चित रूप धीरे-धीरे उभरता है जो किसी के जीवन पर स्थायी प्रभाव डालता है।

मेरे प्रिय मित्र के गुण (Qualities Of My Best Friend Nibandh)

मेरा प्रिय मित्र, सुमित सबसे विश्वसनीय और सहायक व्यक्ति है जिसे मैं जानता हूं। उसमें बहुत से गुण हैं जिसे मैं भी अपने जीवन में आत्मसात करना चाहता हूं।

  • सुमित वह व्यक्ति है जो हर परिस्थिति में हमेशा मेरे साथ खड़ा रहता है। वह एक ऐसी शख्सियत है, जिस पर मैं आँखें बंद कर के भी भरोसा कर सकता हूं और वह हमेशा मेरा साथ देता है। मैं बिना किसी हिचकिचाहट के उसके साथ अपनी सभी बातें खुलकर साझा कर सकता हूं।

  • मेरा सबसे प्रिय मित्र हमेशा मेरे साथ ईमानदार रहता है भले ही वह कभी-कभी मुझे मजाक में चोट पहुँचाता हो। वह मुझसे कभी झूठ नहीं बोलता और हमेशा मुझे सच बताता है। सुमित वह व्यक्ति है जिसके लिए मेरे हृदय में एक विशेष स्थान है और मुझे यह विश्वास है कि वह कभी मुझे चोट नहीं पहुंचाएगा।

  • सुमित मेरे जीवन में उन लोगों में से एक है जो शारीरिक और भावनात्मक रूप से मेरे लिए हमेशा मौजूद रहता हैं। अगर मैं असहज महसूस करता हूं, तो वह मुझे सहज महसूस कराने का हमेशा प्रयास करता है। अगर मुझे किसी से बात करने की जरूरत हो, तो वह सुनने के लिए हमेशा तैयार रहता है। जब मैं रोता हूँ तो वह हमेशा मुझे कंधा देता है, और ऐसा दोस्त जो मुझे कभी गलत नहीं समझता।

  • मेरा सबसे अच्छा दोस्त सुमित एक ऐसा इंसान है जिसके साथ मैं हमेशा मौज-मस्ती कर सकता हूं। वह ऐसा इंसान है जिसके साथ मैं हंस सकता हूं और मजाक कर सकता हूं, और वह कभी नाराज नहीं होगा। वह जानता है कि अच्छा समय कैसे बिताना है, और वह हमेशा नई चीजों को आजमाने के लिए तैयार रहता है।

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मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Nibandh)

मुझे अपने जीवन में कुछ अद्भुत दोस्तों का साथ मिला, लेकिन एक दोस्त है जिसका विचार हमेशा मेरे मस्तिष्क में आता है जब मैं सबसे अच्छे से अच्छे के बारे में सोचता हूं। हम एक साथ इतने उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं, और वह हमेशा मेरे साथ रहा हैं। हम 10 से ज्यादा वर्षो से अच्छे दोस्त हैं, और मैं ईमानदारी से कह सकता हूं कि वह सबसे वफादार और सहायक व्यक्ति हैं जिन्हें मैं जानता हूं। वह एक ऐसी शख्सियत हैं, जिसके साथ मैं हमेशा हंसता हूं, तब भी जब मैं उदास महसूस कर रहा हूं। हम साथ में खूब मस्ती करते हैं और हमेशा बात करने के लिए कुछ न कुछ ढूंढ ही लेते हैं। मेरे साथ ईमानदार रहने के लिए मैं उसकी सराहना भी करता हूँ — वह मुझे बताता है कि मैं कब हास्यास्पद हो रहा हूँ, और मुझे पता है कि मैं उसके फैसले पर भरोसा कर सकता हूँ। मुझे नहीं पता कि मैं उसके बिना क्या करूंगा, और मैं हमारी दोस्ती के लिए बहुत आभारी हूं।

जब भी मुझे उसकी आवश्यकता होती है तो वह हमेशा मेरे साथ होता है, और वह हमेशा मेरी बात सुनता है और मेरा साथ देने में कभी हिचकिचाता नहीं है। वह उन सबसे मजेदार लोगों में से एक हैं, जिन्हें मैं जानता हूं, और मुझे हमेशा उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। हमने बीते हुए वर्षों में एक-साथ बहुत सारी यादें साझा की हैं, और मुझे पता है कि आने वाले कई सालों तक हम ऐसा करना जारी रखेंगे। मैं अपने मित्र की मित्रता के लिए उसका आभारी हूँ, और मैं जानता हूँ कि वह मेरे जीवन का एक बहुमूल्य व अभिन्न हिस्सा है। वह अद्भुत व्यक्तित्व का स्वामी है, और मुझे उसे अपना दोस्त कहने में बहुत गर्व महसूस होता है।

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हम उम्मीद करते हैं कि मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Essay in hindi) आधारित इस लेख के माध्यम से आपकी मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Essay hindi) लेखन संबंधी सभी समस्याओं का सामाधान हो गया होगा।

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महत्वपूर्ण प्रश्न :

सरल शब्दों में दोस्ती क्या है?

सरल शब्दों में मित्रता क्या है? दोस्ती दो या दो से अधिक लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध है। इसमें वे एक-दूसरे की परवाह करते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। यह विश्वास, ईमानदारी और आपसी सम्मान पर बना है। मित्र अक्सर समान रुचियां और अनुभव साझा करते हैं और एक साथ समय बिताने का आनंद लेते हैं।

प्रिय मित्र का क्या अर्थ होता है?

प्रिय मित्र का अर्थ है, वह दोस्त जो आपके सबसे करीब हो। आप जिससे हर तरह की बात बेझिझक शेयर करते हों। वह आपके लिए किसी भी परिस्थिति में आपका साथ दे। जीवन के हर सुख-दुख में शामिल हो।

सच्चा दोस्त वही होता है, जो हर समय, हर परिस्थिति में आपके साथ रहता है। एक सच्चा दोस्त सुख-दुख हर जगह आपके साथ रहता है। सच्चे मित्र की हमेशा कद्र करनी चाहिए। एक सच्चे दोस्त को खोना एक खजाना खोने के समान है।

तुलसीदास ने मित्रता के बारे में क्या लिखा है?

श्री गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में मित्र और मित्रता को लेकर एक एक चौपाई लिखी है-

जे न मित्र दु:ख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी॥

निज दु:ख गिरि सम रज करि जाना। मित्रक दु:ख रज मेरु समाना॥1॥

इसका भावार्थ है-

जो लोग मित्र के दुःख से दुःखी नहीं होते, उन्हें देखने से ही बड़ा पाप लगता है। अपने पर्वत के समान दुःख को धूल के समान और मित्र के धूल के समान दुःख को सुमेरु (बड़े भारी पर्वत) के समान जाने॥1॥

श्री रामचरित मानस में गोस्वामी जी , मित्रता को परिभाषित करते हुए कहते हैं कि सच्चा मित्र वह है जो अपने दुःख को कम और अपने मित्र के दुःख को भारी समझ कर उसके दुःख में साथ देता है। जो मित्र अपने मित्र के दुःख से दुखी नहीं होते, उनका मुँह भी नहीं देखना चाहिए। यह चौपाई सिखाती है कि सच्चे मित्र को अपने मित्र के सुख-दुःख में समान रूप से भागीदार होना चाहिए।

जिन्ह के असि मति सहज न आई। ते सठ कत हठि करत मिताई।

कुपथ निवारि सुपंथ चलावा। गुन प्रगटै अवगुनन्हि दुरावा ।।

अर्थात -जिन्हें स्वभाव से ही ऐसी बुद्धि प्राप्त नहीं है , वे मूर्ख हठ करके क्यों किसी से मित्रता करते हैं ? मित्र का धर्म है कि वह मित्र को बुरे मार्ग से रोककर अच्छे मार्ग पर चलावे। उसके गुण प्रकट करे और अवगुणो को छिपावे।

इसका तात्पर्य है कि मित्र का धर्म है की वह गलत मार्ग पर चलने वाले मित्र को सही राह दिखावे एवं अन्य व्यक्तियों के समक्ष उसके गुणों को ही बतावे, उसके अवगुणों को प्रकट न करे।

आगें कह मृदु बचन बनाई। पाछें अनहित मन कुटिलाई।

जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई।

जो सामने तो बना-बनाकर कोमल बचन बोलता है और पीठ पीछे बुराई करता है तथा मन में कुटिलता रखता है- हे भाई इस प्रकार जिसका मन सांप की चाल के समान टेढ़ा है, ऐसे कुमित्र को त्यागने में ही भलाई है।

अतः गोस्वामीजी के अनुसार हमें मित्रता के धर्म,कर्त्तव्य का बोध होता है। साथ ही सच्चे मित्र की पहचान करने में सहयोगी है, जो हमारे जीवन जीने की राह के लिए अत्यंत उपयोगी है।

फ्रेंडशिप पर 10 लाइन्स क्या है?

दोस्त जीवन में खुशियाँ लाते हैं और मेरा प्रिय मित्र विषय पर बच्चे अपनी भावनाओं और विचारों के आधार पर इस विषय पर कुछ पंक्तियाँ लिख सकते हैं। कक्षा 1 और 2 के बच्चों के लिए निबंध लिखने में मदद के लिए यहाँ मेरा प्रिय मित्र विषय पर कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं:

  1. हमारे जीवन में रिश्ते बेहद जरूरी हैं और दोस्ती सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है।
  2. मनुष्य सामाजिक प्राणी है और उसे एक बेहतर जीवन जीने के लिए मित्रों की आवश्यकता होती है।
  3. एक अच्छा मित्र आपकी परवाह करता है, आपके साथ रहता है और आपके हितों को सर्वप्रथम रखता है।
  4. एक सच्चा मित्र ईमानदार, भरोसेमंद और सहायक होता है।
  5. भारतीय पौराणिक कथाएं मजबूत मित्रता की कहानियों से भरी पड़ी हैं, जैसे कृष्ण और सुदामा, कर्ण और दुर्योधन के बीच की मित्रता।
  6. हमारे जीवन में उद्देश्य की भावना लाने के लिए मित्र आवश्यक हैं।
  7. दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसमें कोई अपेक्षाएं नहीं होतीं।
  8. भौगोलिक सीमाएं या धार्मिक मतभेद मित्रता को बाधित नहीं करते।
  9. दोस्ती दुःख, पीड़ा और किसी भी दर्द की दवा है।
  10. हम जीवन में बहुत सी चीजें इकट्ठा करते हैं - पैसा, घर, गाड़ी - लेकिन कोई भी चीज मजबूत दोस्ती की बराबरी नहीं कर सकती।